जिले में संभावित एईएस, चमकी बुखार को लेकर गांव, टोला और वार्ड स्तर पर सघन जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। डीएम के आदेश पर आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, आशा व जीविका दीदियों द्वारा विभिन्न बस्तियों में डोर-टू-डोर भ्रमण कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इस दौरान लोगों को कई जानकारियां दी जा रही हैैं। साथ ही प्रखंड के वरीय प्रभारी पदाधिकारियों द्वारा पीएचसी व सीएचसी का औचक निरीक्षण कर वहां आधारभूत संरचना व सुविधाओं का जायजा भी लिया जा रहा है।
बता दें कि प्रथम चरण में जिले की 263 पंचायतों को अधिकारियों व कर्मियों ने गोद लिया गया है। प्रत्येक शनिवार को जिलाधिकारी के निर्देश पर सभी पदाधिकारी गोद ली हुई पंचायतों में पहुंचते हैं। वहां बैठक करने के साथ दलित बस्तियों में डोर-टू-डोर भ्रमण करते हुए आम लोगों को जागरूक किया जाता है।
सर्वाधिक प्रभावित पंचायत में कमजोर बच्चों की बन रही सूची
बताते चलें कि 263 पंचायतों में सर्वाधिक प्रभावित पांच प्रखंड कांटी, मीनापुर, मोतीपुर, बोचहां व मुशहरी की सभी पंचायतें शामिल हैं। बताते हैैं कि जागरूकता कार्यक्रम के दौरान पंपलेट वितरण करने के साथ उसे पढ़कर भी सुनाया जा रहा है। पंपलेट, पोस्टर को दीवारों पर जगह-जगह चस्पा भी किया जा रहा है। आंगनबाड़ी सेविका कमजोर बच्चों की लगातार लाइन लिङ्क्षस्टग करते हुए उन पर फोकस कर सतत निगरानी कर रही हैं। पंचायत स्तर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी इसमें सहयोग लिया जा रहा है। लगातार बैठक कर आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका आशा व जीविका दीदियों को निर्देशित कर सघन जागरूकता कार्यक्रम चलाने के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है।
Input: Dainik Jagran