अक्सर हम दीवारों पर लगे गुमशुदा की पोस्टर, फेसबुक पर गुमशुदा की रिपोर्ट को देखकर नजरअंदाज कर देते हैं। परन्तु जरा सोचिए वह जिस परिवार का गुमशुदा है उस परिवार पर क्या बीती होगी। वह हर पल इस आस में बैठे रहते होंगे कि उनका बेटा, उनकी मां, उनके पिता, उनका भाई, उनका पति कब उनके पास वापस लौटेगा, वापस लौटेगा भी कि नहीं लौटेगा। ऐसे में अगर आप अपने कीमती समय से महज 30 या 40 सेकंड का समय निकालकर उस पोस्ट को ध्यान से देखें, उस फेसबुक पोस्ट को शेयर करें, उसको ध्यान से देखें तो हो सकता है कि कोई मासूम बच्चा, कोई वृद्ध पिता या मां अपने परिजनों तक पहुंच जाए और उनके घर की खुशियां लौट जाए। क्योंकि यही मानवता है अगर हम एक छोटी सी कोशिश से किसी की घर की खुशियां लौटा सकते हैं तो यह सचमुच कितनी अच्छी बात है जरा सोचिए और अमल करें।
बीते 8 दिनों से एक बूढ़ी मां गायब थीं, अपने बच्चों से दूर, बिल्कुल बेखबर। शेखपुर, अखाड़ाघाट निवासी प्रियतम मिश्रा को ये बूढ़ी मां साधू गाछी में मिली और उन्होंने हमसे संपर्क की और फिर हमने फेसबुक पर पोस्ट डाला। कुछ ही मिनटों में आप शहरवासियों ने अपना सहयोग देना शुरू किया और आप सभी को बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि वह बूढ़ी मां अपने घर पहुंच गई है। बेटे ने अपनी मां की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी परंतु पुलिस ने उदासीनता दिखाते हुए कोई कार्रवाई नहीं की। किंतु आप मुजफ्फरपुर वासियों ने जो सक्रियता दिखाई वह निश्चय ही सराहनीय है।
एक इंसान को उसके परिजनों से मिलवाना, एक मां को उसके बेटे से मिलवाना, एक बेटे को उसके मां से मिलवाना सचमुच मानवता की मिसाल से कम नहीं है। आज वह मां अपने बेटे से मिलकर और वह बेटा अपनी मां की कर जितना खुश है वो देखकर आप भी आनंदित हो जाएंगे।
आप सभी शहरवासियों को मुजफ्फरपुर नाउ की तरफ से तहे दिल से धन्यवाद, तहे दिल से आभार। आप सभी से आग्रह है कि यूं ही जब भी आपको कोई भी गुमशुदा की रिपोर्ट मिले तो उसे नजरअंदाज ना करें उसे एक जिम्मेदार व्यक्ति के हैसियत से देखें और शेयर करें ताकि वो अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके और वो गुमशुदा अपने परिवार में लौट सके।