महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले एक घंटे के भीतर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने पद से इस्तीफा दे दिया। दोनों ने 4 दिन पहले शनिवार सुबह राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की मौजूदगी में पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मैं राज्यपाल को इस्तीफा देने जा रहा हूं।उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र ने सबसे बड़ा जनादेश भाजपा को दिया। हमें 70% और शिवसेना को 40% सीटें मिलीं। उन लोगों ने मोलभाव शुरू किया। हमने साफ कहा था कि जो बात तय ही नहीं हुई। उसकी जिद न करें। फडणवीस ने कहा कि तीन पहियों वाली सरकार अपने ही बोझ तले दब जाएगी।
इससे पहले मंगलवार सुबह सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के मामले में फैसला सुनाया और बुधवार शाम 5 बजे तक विधायकों की शपथ और इसके बाद फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा की बैठक हुई। इस बैठक के 2 घंटे के भीतर ही फडणवीस और अजित ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया।
फडणवीस ने कहा- सत्ता के लिए शिवसेना की लाचारी देखकर आश्चर्य हुआ
- फडणवीस ने कहा- शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की सरकार अपने ही बोझ तले दब जाएगी। शिवसेना के नेता सोनिया गांधी के नाम की कसम खा रहे थे। हमें आश्चर्य हुआ कि सत्ता के लिए वे कितने लाचार हैं।
- फडणवीस ने कहा कहा- जनता ने हमारे गठबंधन को बहुमत दिया था और भाजपा को संपूर्ण जनादेश दिया और सबसे बड़े दल के नाते 105 सीटें मिलीं। यह जनादेश भाजपा के लिए था। हमने 70% सीटें जीतीं। शिवसेना सिर्फ अपनी 40% सीटें जीतीं। गठबंधन को जनादेश था ही, लेकिन भाजपा के लिए यह बड़ा जनादेश था। इसका सम्मान करते हुए हमने सरकार बनाने की कोशिश की। दुर्भाग्य यह कि जो बात कभी तय नहीं हुई थी, यानी मुख्यमंत्री पद शिवसेना को देने का प्रस्ताव, उसकी बात होती रही। नंबर गेम में अपनी बारगेनिंग पावर बढ़ सकती है, यह सोचकर उन लोगों ने मोलभाव शुरू किया।
- फडणवीस ने कहा- हमने कहा था कि जो तय हुआ है, वही देंगे। जो तय नहीं हुआ था, वह नहीं दे सकते। हमसे चर्चा करने की बजाय वे राकांपा और कांग्रेस से चर्चा कर रहे थे। जो लोग मातोश्री के बाहर से नहीं गुजरते, वे उस भवन की सीढ़ियां चढ़ रहे थे। विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने वाला था, इसलिए राज्यपाल ने हमें बुलाया। हमने कहा था कि हमारे पास संख्या नहीं है, इसलिए हमने सरकार बनाने का इनकार किया था।
- उन्होंने कहा, “शिवसेना और राकांपा को भी बुलाया गया, लेकिन उनके पास भी संख्याबल नहीं था। राष्ट्रपति शासन लगने के बाद भी दूसरे पक्ष में चर्चा शुरू थी कि तीनों दल मिलकर सरकार कैसे बनाएं। लेकिन उनमें आम सहमति नहीं बन पा रही थी। इन तीनों दलों का विचारधारा के मामले में आपस में कोई संबंध नहीं था। फिर भी सरकार बनाने के लिए तत्पर थे।”
- “महाराष्ट्र में कितने दिन राष्ट्रपति शासन रहेगा, इस सवाल के साथ अजित पवार ने सरकार गठन के मामले में सहयोग करने का प्रस्ताव दिया। हमने उनसे चर्चा की और उन्होंने हमें सरकार बनाने का आधार बनने लायक पत्र सौंपा। जब आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया और जब बुधवार को बहुमत साबित होना है, तब अजित पवार ने हमसे मुलाकात की और कहा कि कुछ कारणों से वे इस गठबंधन में नहीं रह सकते। उन्होंने अपना इस्तीफा मुझे सौंपा। उनका इस्तीफा आने के बाद हमारे पास भी बहुमत नहीं है। भाजपा ने पहले दिन से एक भूमिका ली थी कि हम किसी विधायक को नहीं तोड़ेंगे। हम हॉर्स ट्रेंडिंग नहीं करेंगे। अजित पवार के इस्तीफे के बाद हमने भी फैसला किया है कि खरीद-फरोख्त में न जाते हुए हम भी इस्तीफा दे देते हैं। मैं राज्यपाल के पास जाकर इस्तीफा दूंगा।”
5 बजे राकांपा-कांग्रेस-शिवसेना चुनेंगे गठबंधन का नेता
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना की भी बैठक हुई, इसमें शाम 5 बजे गठबंधन का नेता चुने जाने का फैसला लिया गया। कांग्रेस ने बाला साहेब थोराट को प्रोटेम स्पीकर बनाने की मांग की है। कांग्रेस ने कहा कि वे विधानसभा में सबसे वरिष्ठ नेता हैं। थोराट 8 बार के विधायक हैं। थोराट को कांग्रेस विधायक दल का नेता भी चुना गया है। राकांपा ने जयंत पाटिल को विधायक दल का नेता चुना है।
शरद पवार बोले- अजित को व्हिप जारी करने का अधिकार नहीं
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा- यह गलत सूचना फैलाई जा रही है कि अजित राकांपा के विधायक दल के नेता हैं, जो सभी राकांपा विधायकों को शक्ति परीक्षण में भाजपा को वोट करने के लिए व्हिप जारी करेंगे। मैंने कई संविधान विशेषज्ञों से विचार किया है। मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि अजित को पद से हटा दिया है। उनके पास विधायकों को व्हिप जारी करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है । अवैध तरीके से सत्ता पर कब्जा करने वालों को अब हटना होगा।’
राउत ने कहा- उद्धव ठाकरे 5 साल के लिए मुख्यमंत्री होंगे
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा- अजित दादा ने इस्तीफा दे दिया है। वे हमारे साथ हैं। उद्धव ठाकरे पांच साल के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे। होटल में विधायकों की परेड को आप शक्ति प्रदर्शन कहते हैं, उसे हम शक्ति प्रदर्शन नहीं कहते हैं। हम देश की जनता को दिखाना चाहते हैं, महाराष्ट्र की जनता को दिखाना चाहते हैं, राष्ट्रपति भवन और राजभवन को दिखाना चाहते हैं और जिसने चोरी-छिपे मुख्यमंत्री की शपथ ली उसे भी दिखाना चाहते हैं। आपने संविधान की हत्या की है बहुमत हमारे पास है इस देश का नारा सत्यमेव जयते हैं, लेकिन आपने सत्यमेव जयते की भी हत्या की है। मैं यह पूछना चाहता हूं कि क्या बाबा साहब ने संविधान इसलिए बनाया था कि बहुमत की हत्या करें।
होटल हयात में हुआ था विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन
सोमवार रात को विपक्षी दलों के 162 विधायकों ने मुंबई के ग्रैंड हयात होटल में एक साथ पहुंच शक्ति प्रदर्शन किया। इसमें तीनों पार्टियों के प्रमुख नेता शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, राकांपा प्रमुख शरद पवार, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मलिकार्जुन खड़गे और प्रदेश अध्यक्ष बालासाहब थोराट शामिल हुए।
Input: Dainik Bhaskar