बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि शराबबंदी कानून की आड़ में नाजायज कमाई करने वाले किसी भी सरकारी कर्मी को बख्शा नहीं जाएगा लेकिन बिहार में राजधानी पटना से ही एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने शराबबंदी कानून (Liquor Ban) की आड़ में कमाई करने का खुलासा किया है. बिहार में जारी शराबबंदी कानून की आड़ में उत्पाद विभाग के कर्मियों पर भयादोहन का मामला सामने आया है.

उत्पाद विभाग के पटना कार्यालय में पुलिस कर्मियों पर शराब के साथ पकड़े गए एक युवक को छोड़ने के लिए रुपए ऐंठने का आरोप लगा है. अमित कुमार नाम के एक युवक ने आरोप लगाया है कि उत्पाद विभाग के एक पुलिसकर्मी ने जो पटना कलेक्ट्रेट ऑफिस में तैनात है कदम कुआं थाना क्षेत्र के चूड़ी मार्केट के पास 10 अप्रैल को एक युवक को एक बोतल शराब के साथ पकड़ लिया. रात में युवक को छोड़ने की कीमत 1लाख रुपए मांगी गई.

इसमें दो सिपाही और एक महिला दारोगा भी शामिल थी. बाद में 70 हज़ार रुपए में मामला तय हुआ. अमित कुमार नामक युवक के साथ पकड़े गए युवक का भाई 70 हज़ार रुपए लेकर पुलिसकर्मियों के पास पहुंचा. इस दौरान उत्पाद विभाग के सिपाही ने नोट कम होने पर यह धमकी दी कि आरोपी को भगोड़ा साबित कर उसे और भी ज्यादा मुसीबत में डाल देगा. इससे संबंधित ऑडियो भी सबूत के तौर पर मौजूद है. अमित कुमार ने न्यूज़ 18 को इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि 70 हज़ार लेने के बाद पुलिसकर्मियों ने युवक को छोड़ दिया.

इस मामले की जानकारी जब उत्पाद आयुक्त धनजी कार्तिकेय को दी गई तब उन्होंने पूरे मामले की जांच का आदेश पटना के उत्पाद विभाग के उपायुक्त किशोर साह को दिया लेकिन जांच की बजाए इस पूरे मामले को उत्पाद विभाग के अधिकारी दबाने में जुट गए. इस पूरे मामले में पटना जिला विभाग में तैनात एक पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं. सवाल यही है कि जब ऑडियो समेत दूसरे साक्ष्य मौजूद थे तब अधिकारी इस पूरे मामले की लीपापोती में कैसे जुट गए.

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