RANCHI : लॉकडाउन के बीच सबसे पहले अपने राज्य के लोगों की घर वापसी कराने वाले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का सहज अंदाज एक बार फिर शुक्रवार की रात देखने को मिला। तेलंगाना से लगभग साढ़े 12 सौ से ज्यादा मजदूरों को लेकर पहुंची स्पेशल ट्रेन के इंतजार में हेमंत सोरेन खुद हटिया रेलवे स्टेशन पर खड़े रहे। लिंगमपल्ली से झारखंड के मजदूरों को लेकर पहुंचने वाली ट्रेन के यात्रियों को कोई परेशानी न हो इसका हेमंत सोरेन खुद जायजा लेते रहे।

शुक्रवार की रात हटिया रेलवे स्टेशन पर मुख्यमंत्री के साथ-साथ तमाम बड़े अधिकारी भी मौजूद रहे। ट्रेन से उतरे यात्रियों का ताली बजाकर स्वागत किया गया और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए सबकी प्रॉपर स्कैनिंग की गई। झारखंड सरकार की तरफ से बाहर से आए इन मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए बसों का इंतजाम किया गया था। हटिया स्टेशन पहुंचने पर झारखंड के इन सभी मजदूरों को गुलाब का फूल भी दिया गया और भोजन का पैकेट भी।

लगभग 40 दिनों तक लॉकडाउन में फंसे होने के बाद अपने घर पहुंचे झारखंड के मजदूरों ने खुशी जताई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इनके लिए भगवान के तौर पर निकल कर आए हैं। उनका कहना था कि सरकार ने घर वापस बुलाने के लिए जो कुछ किया है इसे वह कभी भूल नहीं सकते। तेलंगाना में फंसे मजदूरों ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि वहां खाने-पीने का कोई इंतजाम नहीं होने के कारण वह लगातार परेशान थे। उधर कोटा से झारखंड के छात्रों को लेकर एक ट्रेन बीती रात रवाना हो गई है। झारखंड के रहने वाले छात्रों ने इस फैसले के लिए हेमंत सोरेन का शुक्रिया अदा किया है साथ ही साथ राजस्थान सरकार का भी आभार जताया है।

Input : First Bihar

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