कोरोना संकट और संक्रमण के दाैरान में सांस के लिए हवा यानी ऑक्सीजन के लिए मारामारी हाे रही है। इस बीच ऑक्सीजन देने वाली खबर यह है कि वायु प्रदूषण का स्तर बीते दिसंबर में खतरनाक के पीक 426 से गिर कर अब 46 पर अा गया है। हवा की गुणवत्ता का यह स्तर यानी एक्यूआई गुड यानी सेहत के लिए अच्छे की श्रेणी में है। दिसंबर में यह सीवियर यानी गंभीर खतरनाक स्तर पर था। साेमवार काे एक्यूअाई का यह स्तर 23 मई 2020 के करीब एक साल बाद दोबारा लॉकडाउन के दाैरान ही आया है।
सोमवार को बारिश हाेने का भी सकारात्मक असर रहा। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अनुसार सुबह में एक्यूआई 46 दर्ज किया गया। अमूमन बिना लॉकडाउन के इन दिनाें प्रदूषण का स्तर न्यूनतम 200-250 के बीच यानी पुअर श्रेणी में रहता है। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हाेता है। लॉकडाउन में पहले की तुलना में कई तरह के निर्माण कम हाेने, वाहनों की आवाजाही पर ब्रेक और बारिश के बाद हवा में सूक्ष्म धूल कण यानी पीएम 2.5 की मात्रा औसत 46 रही। यह एक बार तो न्यूनतम 19 तक पहुंच गया। उल्लेखनीय है कि बीते 22 दिसंबर को एक्यूआई 426 दर्ज किया गया था। अप्रैल से कई तरह की पाबंदियों के बीच प्रदूषण लेवल 148 यानी मध्यम दर्जे में था।
सबसे प्रदूषित 30 शहरों में शुमार मुजफ्फरपुर में लॉकडाउन में ही स्वच्छ होती है हवा
सबसे प्रदूषित 30 शहराें में मुजफ्फरपुर भी शामिल है। मार्च में वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर इस सूची में शामिल हुआ।
बारिश के साथ हवा स्वच्छ होने से कोरोना संक्रमण में कमी आएगी। इससे मरीजों और आम लोगों को भी सांस में ऑक्सीजन लेने में आसानी होगी। हवा में नमी होने से ड्राॅपलेट का फैलाव ज्यादा दूरी तक नहीं होगा। इससे काेराेना वायरस का प्रसार भी रुकेगा।
-डॉ. नवीन कुमार, फिजि
Input: Dainik Bhaskar