कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद उसके बचे गुर्गों की हाल खराब हो गई है. पुलिस से बचने के लिए एक से एक उपाए अपना रहे हैं. गुर्गा बाल गोविंद पुलिस से बचने के लिए साधु बन गया. पहचान नहीं आने के लिए उसने दाढ़ी भी बढ़ा लिया था, लेकिन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने यह कार्रवाई चित्रकूट में की है.

50 हजार का इनामी बन गया पुजारी

बाल गोविंद के बारे में पुलिस को जानकारी मिल गई थी कि वह बचने के लिए साधु बन गया है. वह चित्रकूट के कामता नाथ मंदिर में रह रहा है. पुलिस ने छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया. बाल गोविंद पर पुलिस ने 50 हजार रुपए का इनाम रखा था.

डर से एक गुर्गे ने थाने में जाकर किया था सरेंडर

कुछ दिन पहले ही विकास दुबे का गुर्गा कानपुर के चौबेपुर थाना जाकर खुद सरेंडर कर दिया था. उसको भी एनकाउंटर का डर था. इसलिए साथ में अपनी बेटी और पत्नी को लेकर गया था. थाना जाते ही वह पुलिस के सामने हाथ जोड़कर रहम की भीख मांगने लगा. कहा कि साहब गोली मत मारिएगा हम सरेंडर करने आए हैं. पुलिस पहचान नहीं पा रही थी. वह खुद बताने लगा कि मेरे नाम उमाकांत शुक्ला है. मैं विकास दुबे के साथ बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों पर फायरिंग किया था.जिसके बाद पुलिस ने उससे गिरफ्तार कर लिया था. बता दें कि विकास दुबे के 7 गुर्गों को यूपी पुलिस एनकाउंर कर चुकी है. कई डर से सरेंडर कर चुके हैं.

Input : First Bihar

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