कर्ज में डूबी सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया को लेकर सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं। सिविल एविएशन मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को संसद में कहा कि अब एयर इंडिया को या तो बेचा जाएगा या बंद किया जाएगा। इसके अलावा कोई चारा नहीं है।

एयरक्राफ्ट एमेंडमेंट बिल, 2020 के पारित होने से पहले उन्होंने एयर इंडिया के निजीकरण के बारे में कहा कि अगर सरकार इसमें मदद कर सकती, तो वह इसका परिचालन जारी रखती। लेकिन कंपनी पर 60 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है और सरकार के पास इसे निजी हाथों में सौंपने या बंद करने के अलावा कोई चारा नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘हमें पूरा विश्वास है कि एयर इंडिया को नए मालिक को सौंपा जाएगा ताकि उसकी उड़ान जारी रहे।’ इससे पहले सोमवार को ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से खबर दी थी कि सरकार एयर इंडिया की बोली को आकर्षक बनाने के लिए एक शर्त को हटाने पर विचार कर रही है। इसके मुताबिक नए मालिक को 3.3 अरब डॉलर के एयरक्राफ्ट डेट (Aircraft Debt) से मुक्ति मिल जाएगी।

अदाणी पर सफाई
देश के हवाई अड्डों को अदाणी ग्रुप के हाथों बेचने के विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए पुरी ने कहा कि मुंबई और दिल्ली एयरपोर्ट में एयर ट्रैफिक का 33 फीसदी हिस्सा है जबकि अदाणी ग्रुप को दिए गए 6 हवाई अड्डों की कुल ट्रैफिक में महज 9 फीसदी हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि अदाणी ग्रुप ने नीलामी में इन हवाई अड्डों के परिचालन का अधिकार हासिल किया है।

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