उत्तर बिहार के कोरोना मरीजों के इलाज के लिए एसकेएमसीएच को और अधिक उन्नत संसाधनों से लैस कर सुपर स्पेशलिटी सेंटर बनाया जा सकता है। इसके लिए आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) ने पहल शुरू की है। अभी यहां डॉक्टरों व स्टाफों की संख्या को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है। तकरीबन 15 सौ अधिक स्थायी व संविदा वाले डॉक्टर व कर्मियों की जानकरी दी गई है।
जानकारी के अनुसार, आईसीएमआर पूरे राज्य के मेडिकल कॉलेजों में इलाज के संसाधनों की जानकारी ले रहा है। अभी कोरोना के लिए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल एनएमसीएच को बनाया गया है। इलाज व रिसर्च सेंटर आईजीआईएमस पटना में शुरू किया गया है। इसके तहत कोरोना के इलाज व रिसर्च को लेकर मेडिकल कॉलेजों की स्थिति का आकलन किया जा रहा है। इसमें मुख्य रूप से यह देखा जा रहाहै कि मेडिकल कॉलेजों में जो इलाज की व्यस्था है, उसमें डॉक्टर व कर्मियों की संख्या क्या है। यदि ये कोरोना मरीजों के इलाज में काम कर रहे थे, इनके पास संसाधन क्या है। इस बारे में एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. एसके शाही ने बताया कि आईसीएमआर एक रिसर्च विंग है। कोरोना का संक्रमण अगर जारी रहा तो इससे निपटने के लिए बिहार में जो आवश्यक व्यवस्थाएं हैं, उसको पूरा करना है। अभी एसकेएमसीएच कोरोना केयर सेंटर नहीं है, लेकिन संभव है कि भविष्य में आवश्यकता होने पर इसे कोरोना के इलाज के लिए संसाधनों से लैस किया जाए। इसके साथ आईसीएमआर डॉक्टर व कर्मियों के इलाज में मिलने वाले संसाधनों व इनके सुरक्षा व्यवस्थाओं का आकलन कर रहा है। रिसर्च व बेहतर इलाज पर मुख्य रूप से काम करना है।
Input : Hindustan