“ऐलोपैथी एक स्टूपिड साइंस है।” यह बात हाल ही में योग गुरु रामदेव ने कही थी। वॉट्सऐप पर फॉरवर्ड किए एक मैसेज का हवाला देते हुए। उनके बयान का वीडियो सामने आया तो रॉकेट की तरह वायरल हो गया। पतंजलि के सर्वेसर्वा इसके बाद बुरी तरह घिर गए।
देश में डॉक्टरों की सबसे बड़ी संस्था IMA (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) ने उन पर ऐक्शन की मांग की। पतंजलि ने इस पर सफाई दी, पर वह नाकाफी नजर आई। आगे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने भी रामदेव के बयान पर सवाल उठा दिए। दबाव बना तो योग गुरु ने गलती मान ली। वैसे, पतंजलि आर्युवेद के सर्वेसर्वा ने अपनी टिप्पणी वापस लेते हुए भले ही मामला शांत कर दिया हो, पर कभी खुद उन्होंने और उनके करीबी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने इसी ऐलोपैथी की शरण ली थी।
बात अन्ना आंदोलन के समय की है। देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाजें बुलंद थीं। रामदेव भी तब मुखर होकर मोर्चा खोल रहे थे। वह दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन पर बैठ गए थे। 4 जून, 2011 की शाम तत्कालीन केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने दावा किया कि उन्हें अनशन खत्म करने से जुड़ी रामदेव की चिट्ठी मिली। हालांकि, योगगुरु ने उनके दावे को झूठ करार दिया। थके रामदेव रात को नींद ले रहे थे तभी वहां पुलिस पहुंची, जिसके बाद वहां हंगामा खड़ा हो गया था। बाबा कुछ ही देर में मंच पर आए और स्टेज से अचानक कूद पड़े।
स्वास्थ्य गिरने के बाद राम को अस्पताल ले जाया गया था। वह सात दिन से उपवास पर थे। (एक्सप्रेस आर्काइव फोटो)इस बीच, आंसू गैस के गोले दागे गए थे। सलवार-कमीज में रामदेव नई दिल्ली निकले तो पुलिस ने पकड़ लिया और वहां से देहरादून भेज दिया। हालांकि, वह वहां भी अनशन पर अड़े रहे थे। पर योगगुरु की जिद की वजह से उनका स्वास्थ्य गड़बड़ा गया। उन्हें देहरादून के जौलीग्रांट अस्पताल शिफ्ट किया गया। रामदेव को इस दौरान बीपी की दिक्कत हुई थी। साथ ही उनका करीब पांच किलो वजन भी घट गया था।
यह बात 10 जून के आसपास की है। रामदेव का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने मीडिया के सामने बताया था, “रामदेव के कई पैरामीटर्स में गिरावट आ गई थी। डॉक्टरों ने तब इलाज किया था। आईसीयू के बराबर में एक रूम था, जहां उन्हें रखा गया था। सेलाइन के साथ विटामिन्स दिए गए थे।”
बता दें कि सेलाइन सॉल्यूशन एक सरल लेकिन बहुत शानदार चीज है। जिन मामलों में डिहाइड्रेशन के जोखिम से जान जाने का खतरा हो, उनमें यह जिंदगी बचाने की क्षमता रखता है। नमकीन घोल को लोग “सेलाइन सॉल्यूशन” के रूप में भी जानते हैं। बहरहाल, बाद में ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ वाले श्रीश्री रविशंकर अस्पताल पहुंचे थे और उन्होंने रामदेव का उपवास तुड़वाया था। बालकृष्ण भी तब रामदेव के साथ अस्पताल में थे।
यही नहीं, 23 अगस्त 2019 को बालकृष्ण की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। बताया गया था कि वह बेहोश हो गए थे। आनन-फानन उन्हें पतंजलि योगपीठ के नजदीक एक अस्पताल ले जाया गया। वहां के मेडिकल जांच करने वाले डॉक्टरों ने बताया था, “उन्हें जब यहां लाया गया, तो वह सही से बोल नहीं पा रहे थे कि उन्हें क्या दिक्कत है। सभी टेस्ट नॉर्मल हैं, पर न्यूरो को ध्यान में रखते हुए एम्स रेफर किया है।”
बाद में ऋषिकेश स्थित एम्स ले जाया गया था, जहां उनका इलाज हुआ था। इस दौरान कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा। वैसे, रामदेव के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने पत्रकारों से तब कहा था कि चिंता की बात नहीं है। आचार्य बालकृष्ण की हालत स्थिर है।