चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के साथ बुधवार से वासंतिक नवरात्र शुरू होगा। इसमें मा भगवती के सभी नौ रूपों की उपासना की जाएगी। रमना स्थित मा राज राजेश्वरी देवी मंदिर के पुजारी आचार्य अमित तिवारी ने बताया कि इस नवरात्र में माता का आगमन नाव पर हो रहा है। इससे मनचाहा वरदान और सिद्धि की प्राप्ति होगी। माता की विदाई हाथी पर होगी। इससे अतिवृष्टि का योग बन रहा है।

रामदयालु स्थित मा मनोकामना देवी मंदिर के पुजारी पंडित रमेश मिश्र के अनुसार इस बार नवरात्र पर कई दुर्लभ संयोग बन रहा है।
सदर अस्पताल स्थित मा सिद्धेश्वरी दुर्गा मंदिर के पुजारी पंडित देवचंद्र झा ने बताया कि नवरात्र में कलश स्थापना का काफी महत्व है। इसकी स्थापना सही और उचित मुहूर्त में ही करनी चाहिए। राधाकृष्ण मंदिर के पंडित रवि झा ने बताया कि चैत्र नवरात्र में कन्या पूजन का विशेष महत्व है।

नवरात्र पर कोरोना का असर, खात्मे को होगा हवन : वासंतिक नवरात्र के तहत शक्ति की भक्ति की राह में इस बार कोरोना वायरस बाधक बना है। नवरात्र के बावजूद सभी देवी मंदिर बंद रहेंगे। लोग अपने घरों में ही पूजा-अर्चना करेंगे। हालांकि, सिद्धि के लिए तांत्रिकशक्ति की साधना करेंगे। इसमें आम जनता का प्रवेश वर्जित होगा।

श्रीसिद्धपीठ डकरामा के संत स्वामी जी सिंह ने बताया कि दो अप्रैल को हवन के बाद यहां भक्त माता के दर्शन को आएंगे। इस बार कोरोना के खात्मे के लिए यहां विशेष हवन होगा। बताते चलें कि श्री सिद्धपीठ डकरामा आस्था और भक्ति का केंद्र है। यहां के संत स्वामी शिवजी सिंह पिछले 53 साल से साल के सभी चार नवरात्र बगैर अन्न-जल के करते है।

मुजफ्फरपुर नाउ की अपील : कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अपने घर में रहें और सुरक्षित रहें। लॉकडाउन और कर्फ्यू का पालन करें, घबराने की जरूरत नहीं है। 

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