देश में केंद्र की मोदी सरकार ने नोटबंदी लागू कर गरीबों को लाइन में लगवा दिया। पांच सौ व हजार रुपये के नोट तो बंद करा दिए, मगर विदेशों से एक रुपया भी कालाधन नहीं आया। अब देश में सीएए (नागरिकता संशोधन विधेयक) लागू कर दिया गया। इसके बाद एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर) लाने की तैयारी हो रही है। एनआरसी देश के गरीबों की नागरिकता छीनने की साजिश है। ये बातें भाकपा के जिला सम्मेलन में पार्टी के नेता व जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहीं।
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मधुबनी के रहिका उच्च विद्यालय के प्रांगण में आयोजित सम्मेलन में कन्हैया ने कहा कि एनआरसी लागू होने के बाद सरकारी बाबू को अधिकार दे दिया जाएगा कि वे साबित करेंगे कि आप नागरिक हैं या नहीं। देश की बहुसंख्यक आबादी में गरीब तबके के सभी जाति व धर्म के लोग, जिनके पास रहने व खाने के पैसे नहीं हैं। मेहनत-मजदूरी करने के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाना पड़ता है, उनकी नागरिकता छीनने की साजिश की जा रही है। यह साजिश उनके खिलाफ है जो बाढ़ में डूब जाते हैं।
भाकपा के युवा नेता कन्हैया ने कहा कि नागरिकता छीन जाने के बाद गरीबों की जमीन व उसका घर ये छीन लेंगे। गरीबों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने साजिश है। उन्होंने कहा कि अफवाह नहीं फैला रहा हूं। यह बता रहा कि एनआरसी व सीएए बड़ी साजिश का हिस्सा है। अब देश में सीएए के खिलाफ विरोध हुआ ताे सरकार ने कहा कि अभी एनआरसी की कोई बात नहीं हो रही है, मगर गृह मंत्री का पुराना भाषण सुन लीजिए। यह यकीन होगा जाएगा कि वे क्या करना चाह रहे हैं।