लखनऊ-मुजफ्फरपुर एनएच-28 पर कांटी प्रखंड के टरमा गांव के पास शनिवार सुबह पाैने पांच बजे हुई भीषण सड़क दुर्घटना में 12 लाेगाें की माैत हाे गई, जबकि तीन लाेग गंभीर रूप से जख्मी हो गए। मरने वालाें में औराई प्रखंड के हथाैड़ी थाना क्षेत्र के डीह जीवर गांव के 9 लाेग शामिल हैं। दाे मृतक मीनापुर प्रखंड के रहने वाले हैं। ये सभी यूपी के बस्ती से मजदूरी कर शादी समाराेह में शामिल हाेने के लिए अपने घर स्कार्पियाे से अा रहे थे। दुर्घटना में स्काॅर्पियाे के चालक की भी माैत हाे गई है। चालक अभिषेक तिवारी यूपी के बस्ती जिला के गांव डमरूआ थाना कोतवाली का रहने वाला था। स्कॉर्पियो सिद्धार्थनगर के धर्मपाल मिश्रा की थी। उधर, आशंका जताई जा रही है कि सुबह में स्काॅर्पियाे के ड्राइवर काे झपकी आ गई हाेगी, जिससे ईंट लदे ट्रैक्टर से स्काॅर्पियाे की भिड़ंत हाे गई। इसमें स्काॅर्पियाे के परखच्चे उड़ गए। भीषण टक्कर के कारण ट्रैक्टर की ट्राॅली का पीछे वाला दाे चक्का खुल गया। इससे ईंट लदी ट्राॅली पर सवार एक अन्य मजदूर की भी माैके पर माैत हाे गई। ट्रैक्टर व स्काॅर्पियाे में टक्कर के कारण आसपास के लाेगाें काे लगा कि जैसे बम फटा हाे। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि स्काॅर्पियाे की गति 120 किलाेमीटर से अधिक की रही हाेगी। इस स्काॅर्पियाे में सवार 11 लाेगाें की माैत माैके पर ही हाे गई। स्काॅर्पियाे से एक सवारी का शव 50 फीट दूर सड़क पर गिरा हुआ था।
राेड शेफ्टी काउंसिल टीम ने मौके का लिया जायजा
राेड शेफ्टी काउंसिल की टीम ने घटनास्थल की जांच की। टीम में राेड शेफ्टी काउंसिल के मणीकांत ठाकुर के साथ एनएचएआई अधिकारी, एमवीआई व बीडीओ पहुंचे। टीम कांटी थाने में हादसे की जानकारी ली। प्रारंभिक वजह ड्राइवर काे झपकी आना माना जा रहा है। टीम का मानना है कि स्काॅर्पियाे की स्पीड भी काफी तेज थी। इसी दाैरान ड्राइवर काे झपकी आई, जब तक ड्राइवर संभला हाेगा, तब तक टक्कर हाे चुकी थी।
सीएम ने जताया दुख, मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख
सीएम नीतीश कुमार ने मृतकों के प्रति संवेदना प्रकट की है। उन्होंने मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख मुआवजा देने का आदेश दिया। मृतकों में जीवर गांव के ध्रुव सहनी, मनीष साह, जयकरण सहनी, रामवरण सहनी, रीतिक राैशन, राजू सहनी, रंजन साह, विकास साह, सिकंदर सहनी और पानापुर के गाेकुल मांझी, चैनपुर मीनापुर के अरुण सहनी और बस्ती (यूपी) के स्कॉर्पियो ड्राइवर अभिषेक तिवारी शामिल हैं। ये हैं घायल: दीना कुमार, अजय कुमार, राेहित कुमार।
आंखोंदेखी
टक्कर ऐसी कि लगा बम फटा हो…
एनएच-28 पर तेज रफ्तार से जा रहे ट्रैक्टर के पीछे से स्कॉर्पियो ने जोरदार टक्कर मारी। इसके बाद बम की तरह आवाज हुई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि स्कॉर्पियो के परखचे उड़ गए। ट्रॉली में पीछे लगे चक्के ट्रॉली से अलग हो गए और ट्रॉली पर लदी ईंटें सड़क पर बिखर गईं। इसके बाद लोग स्कार्पियो सवार एवं ट्रैक्टर सवार को देखने पहुंच गए। स्कार्पियो सवार 9 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो चुकी थी। बाकी बचे लोगों को ग्रामीणों ने बाहर निकाला। पुलिस 14 वर्षीय बच्चे को गंभीर स्थिति में मेडिकल ले गई। पर, रास्ते में उसकी मौत हो गई। ऐसी दुर्घटना आज तक कांटी में नहीं हुई थी। चारों तरफ लाशें पड़ी थीं।
(जैसा कि स्थानीय निवासी शिवजी शाह ने दैनिक भास्कर को बताया)
शादी की रस्मों को लेकर दरवाजे पर जहां सजना था हनुमान दरबार, हादसे में मौत के बाद 6 परिजनों की वहीं सजी अर्थी
डीहजीवर गांव के एक ही परिवार के 6 मृतकों की पट्टीदारी में आसनारायण सहनी के पुत्र उदयचंद्र सहनी की इसी रविवार को ही शादी हाेती। लेकिन, हादसे के कारण अब बारात नहीं निकलेगी। शादी टल गई है। माैत की खबर सुन कर लड़की पक्ष के लाेग भी गांव पहुंचे। बारात मोतिहारी के रघुनाथपुर गांव जाने वाली थी। शनिवार की सुबह-सुबह आई हादसे की मनहूस खबर से शादी की खुशियां मातम में बदल गई। शादी के लिए दरवाजे पर हनुमान आराधना होने वाली थी। हनुमान आराधना के दरबार के साथ आसनारायण सहनी और पट्टीदारों के कई घर सजे हुए थे। पर, दरवाजे से परिवार के 6-6 अर्थी साथ निकलीं। शादी के गीत की जगह महिलाओं के चीत्कार से माहाैल गमगीन हाेता रहा। आंसू और आहाें से परिवार और गांव के लाेगाें की शादी व होली की खुशियां मातम में बदल गईं। हादसे में इसी एक डीहजीवर गांव के 9 लाेग मरे हैं। पूरे गांव में मातम छाई है। आसनारायण सहनी प्रतापगढ़ में ही रहते हैं। वह चार मार्च काे ही बेटे की शादी के लिए ट्रेन से घर आए थे। बाकी लाेग ठेकेदार से हिसाब करने के बाद शनिवार काे पहुंचने वाले थे। ट्रेन में आरक्षण नहीं मिलने के कारण सभी लाेग स्काॅर्पियो भाड़े पर लेकर गांव आ रहे थे। उदय की शादी में शरीक हाेने के बाद हाेली का पर्व भी घर पर ही मनाना था।
टरमा हादसा तेज रफ्तार व थकान का परिणाम, ऐसे में कतई न करें ड्राइविंग
ट रमा हादसा विशुद्ध रूप से तेज रफ्तार व थकान का परिणाम है। ऐसे हादसे रोकने के लिए वाहन चालक थकान हाेने पर ड्राइविंग कतई न करें। खासकर सुबह 3 बजे से 5 बजे के बीच ताे बहुत ही सतर्कता की जरूरत हाेती है। इस समय झपकी आने की संभावना ज्यादा रहती है। बेहतर हाे कि इस दाैरान ड्राइविंग करने की जगह गाड़ी पार्किंग में लगा दें। आम ताैर पर डबल ड्राइवर रहने पर ही इस दाैरान ड्राइविंग करनी चाहिए। रात भर ड्राइविंग करने के बाद 3 बजे के बाद झपकी काे राेकना बहुत मुश्किल हाेता है। स्टडी बताती है कि हादसा हाेने में महज 30 सेकंड लगता है। इसी 30 सेकंड में आपकी जिंदगी आपके हाथ में हाेती है। एनएचएआई की डिजाइन हाईस्पीड की है, लेकिन गाड़ी अाप उतनी ही तेज चलाएं, जिस पर आपात स्थिति में काबू कर सकें। अगरऐसा करते हैं तो बहुत हद तक हादसे काे टाला जा सकता है। ब्रेकिंग सिस्टम दुरुस्त हाेनी चाहिए। स्किलफुल ड्राइविंग हाेनी चाहिए।
-दिव्य प्रकाश, एमवीआई, मुजफ्फरपुर
हादसे में चली गई इनकी जान
- मनीष साह
- सिकंदर सहनी
- रंजन साह
- विकास
- ध्रुव नारायण सहनी
- अरुण सहनी
- गोकुल मांझी
- गंभीर जख्मी : कमलेश सहनी व अजय।
Input : Dainik Bhaskar