कार्तिक महीने की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व विशेष महत्व रखता है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को आता है। इस साल कार्तिक पूर्णिमा कल यानी 12 नवंबर को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन नदियों में स्नान, दीपदान, भगवान की पूजा और दान का बहुत बड़ा महत्व माना गया है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन कुछ खास नियमों का पालन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं आखिर क्या हैं वो खास नियम और शुभ मुहूर्त।

कार्तिक पूर्णिमा की तिथि और शुभ मुहूर्त (Kartik Purnima Date, Time)

कार्तिक पूर्णिमा की तिथि: 12 नवंबर 2019

पूर्णिमा तिथि आरंभ: 11 नवंबर 2019 को शाम 06 बजकर 02 मिनट से

पूर्णिमा तिथि समाप्‍त: 12 नवंबर 2019 को शाम 07 बजकर 04 मिनट तक

कार्तिक पूर्णिमा के दिन जरूर करें ये काम-

1. कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति इस दिन गंगा स्नान नहीं कर सकता हो वो अपने घर पर ही थोड़ा सा गंगाजल नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करके भी इस पुण्य की प्राप्ति कर सकता है।

2-कार्तिक पूर्णिमा के दिन शाम के समय जल में कच्चा दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए।

3-धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ पर मां लक्ष्मी का वास रहता है। इस दिन जल में दूध, शहद मिलाकर पीपल के वृक्ष पर चढ़ाते हुए एक दीपक भी जलाना चाहिए।

4-कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर के मुख्य द्वार पर आम का तोरण अवश्य बांधे और द्वार पर रंगोली भी अवश्य बनाएं।

5-कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी पूजन करते हुए तुलसी के पौधे के नीचे दीपक अवश्य जलाएं।

6-कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन किसी पवित्र नदी, तालाब में एक दीप अवश्य जलाएं। कहा जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

7- कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर पर आए भिखारी को खाली हाथ न भेजें। उसे भोजन अवश्य करवाएं।

Input : Hindustan

 

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