बिहार के सरकारी स्कूलों में वर्ष 2006 के बाद से नियोजित शिक्षकों की डिग्रियों की पांच साल से चल रही निगरानी जांच को अंतिम पड़ाव तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। नियोजन इकाइयों की लापरवाही से निजात के लिए दूसरा रास्ता चुना गया है।

अब भी जिन 53 हजार शिक्षकों के नियोजन फोल्डर निगरानी को नहीं मिल पाए हैं, शिक्षा विभाग उनके नाम सार्वजनिक करेगा। साथ ही, अब सीधे इन शिक्षकों से ही उनके शैक्षिक कागजात मांगे जाएंगे। शुक्रवार और शनिवार को शिक्षा विभाग और निगरानी ब्यूरो के आलाधिकारियों की साझा बैठक में यह निर्णय लिया गया है।

शनिवार को शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि नियोजित शिक्षकों की डिग्रियों की जांच अंतहीन नहीं चल सकती है। वर्ष 2015 से जांच चल रही है, पांच साल हो गए। अब हम उन 53 हजार शिक्षकों के नाम सार्वजनिक रूप से नोटिस जारी करेंगे। शिक्षा विभाग इसके लिए एक वेब पोर्टल विकसित करेगा। संबंधित शिक्षकों को अपने शैक्षणिक उपलब्धियों के प्रमाण इस पोर्टल पर अपलोड करने होंगे। इसके लिए एक समय सीमा तय की जाएगी। साथ ही, नियोजन इकाइयों से मेधा सूची मांगी जाएगी। 53 हजार शिक्षकों के कागजातों का मिलान मेधा सूची से किया जाएगा। तय समय सीमा में जो शिक्षक अपने शैक्षणिक प्रमाण नहीं देंगे, उनकी नौकरी जाएगी। साथ ही प्राथमिकी समेत अन्य निर्धारित कार्रवाई भी की जाएगी।

गौरतलब हो कि निगरानी को साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों में से 1 लाख 10 हजार शिक्षकों के नियोजन फोल्डर पिछले माह तक नहीं मिले थे। इसके बाद शिक्षा विभाग ने जब जिला शिक्षा प्रशासन और नियोजन इकाइयों की नकेल कसी तो करीब 57 हजार फोल्डर जांच के लिए निगरानी को दे दिए गए हैं। अब भी 53 हजार शिक्षकों के कागजात नहीं मिलने के बाद अब इसके लिए सीधे शिक्षकों को ही जिम्मेवार बनाया गया है।

सोमवार को होनी है सुनवाई 
नियोजित शिक्षकों की डिग्रियों की निगरानी जांच को लेकर सोमवार को पटना उच्च न्यायालय में सुनवाई होनी है। इस मामले में शिक्षा विभाग और निगरानी ब्यूरो को स्टेटस रिपोर्ट शपथ पत्र के रूप में देनी होगी। इसके मद्देनजर 8 और 9 को हुई बैठकों के बाद दोनों विभागों ने नियोजन फोल्डर नहीं मिलने का काट निकाला है। जल्द ही 53 हजार शिक्षकों से उनके कागजात मांगे जाएंगे।

Input: Live Hindustan

rama-hardware-muzaffarpur

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD