त’स्कराें से मुक्त कराकर गाेशाला में रखे गए ऊंटाें काे ट्रक से राजस्थान भेजने के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। मंगलवार की शाम टेक्नीशियन के सहयाेग से क्रेन की मदद से ऊंटाें काे चार ट्रकाें पर लाेड किया गया। चार घंटे की मशक्कत के बाद ऊंटाें काे ट्रक पर लादा जा सका। गाैरतलब है, रविवार काे ऊंटाें काे ट्रक पर नहीं लादा जा सका था। इसकी वजह स्थानीय लाेगाें काे ट्रक पर लाेड करने के तरीके की जानकारी ही नहीं थी। डीटीअाे नजीर अहमद व जिला पशुपालन अधिकारी ने देर शाम तक ऊंटाें काे ट्रक पर लाेड कराया।
डीटीअाे ने बताया, रविवार काे ट्रक पर ऊंटाें काे लादने में असफल हाेने पर राजस्थान से संपर्क किया गया। वहां से बताया कि काेलकाता में एक एक्सपर्ट हैं, जिन्हें ऊंटाें काे ट्रक पर लादने में महारत हासिल है। इसके बाद जिला पशुपालन पदाधिकारी व डीटीअाे ने संयुक्त रूप से उक्त टेक्नीशियन से संपर्क किया। मंगलवार शाम में उक्त टेक्नीशियन के शहर अाने पर गाेशाला में रखे गए उंटाें काे देर रात तक ट्रक पर लाेड किया गया। इन्हें सुबह राजस्थान रवाना किया जाएगा। बता दें कि कांटी में एक ही ट्रक पर लाेड कर बंगलादेश भेजे जा रहे 19 उंटाें काे मुक्त कराया गया था। इनमें एक ऊंट ट्रक पर ही मर गया था, जबकि एक की माैत इलाज के दाैरान हाे गई थी। अन्य सभी ऊंटाें काे गाेशाला में रखकर इलाज किया गया, लेकिन शहर का वातावरण उनके अनुकूल नहीं हाेेने के कारण उनके शरीर में घाव हाेने लगे थे। इसके बाद इन ऊंटाें काे राजस्थान भेजने की व्यवस्था की गई।
Input : Jagran