बिहार विधानसभा उपचुनाव में असदउद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) की धमाकेदार एंट्री हुई है. ओवैसी की पार्टी ने उपचुनाव (By Election) में बिहार की किशनगंज (Kishangang Seat) सीट जीत ली है. इस सीट पर बीजेपी को प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन कयासों पर भारी पड़ते हुए ओवैसी की पार्टी के उम्मीदवार कमरूल होदा ने जीत हासिल की. ओवैसी की पार्टी ने शुरू से ही बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी जिसके बाद उनको जीत हासिल हुई. AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने जीत को पार्टी के लगातार मेहनत का नतीजा बताया. उन्होंने कहा कि ये जनादेश वंशवाद के खिलाफ है. ईमान ने कहा कि हम इस जनादेश के मिलने के बाद लगातार सीमांचल में काम करेंगे.

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कितने-कितने मत मिले ?

किशनगंज से दूसरे राउंड में बीजेपी की स्वीटी सिंह को 8823 मत प्राप्त हुए तो वहीं एएआईएमआएम के कमरुल होदा को 4193 मत प्राप्त हुआ था. स्वीटी तब 4630 मतों से आगे थे. चौथे राउंड में बीजेपी प्रत्याशी स्वीटी सिंह को 15029 मत प्राप्त हुआ तो वहीं एआईएमआईएम के कमरुल होदा को 11947मत प्राप्त हुए. किशनगंज में पांचवें राउंड में बीजेपी की स्वीटी सिंह को 17107 मिले तो वहीं एआईएमआईएम के होदा को 15956 मत मिले.छठे राउंड की गिनती में स्वीटी सिंह 1552 मतों से पीछे चल रही हैं. उनको एआईएमआईएम के कमरूल होदा ने पीछे छोड़ा है. इस सीट से कांग्रेस मुकाबले में पीछे दिखने लगी है. माना जा रहा है कि ओवैसी की पार्टी के कैंडिडेट ने कांग्रेस की राह जहां मुश्किल कर दी है वहीं बीजेपी की राह आसान. किशनगंज विधानसभा सीट से बीजेपी की उम्मीदवार स्वीटी सिंह 7वें राउंड की गिनती में एआईएमआईएम के कमरुल होदा से 2762 मतों से पीछे चल रही थीं. स्वीटी सिंह छठे दौर की मतगणना में पीछे चल रही थीं हालांकि उनका मार्जिन काफी कम था.

दांव पर थी कांग्रेस की प्रतिष्ठा

किशनगंज विधानसभा सीट का उपचुनाव भी कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है. चूंकि यह सीट पहले कांग्रेस के पास ही थी, इसलिए यहां का चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल भी है. बावजूद इसके केंद्रीय नेतृत्व उपचुनाव के प्रति उदासीन बना रहा. विधानसभा उपचुनाव के प्रति भी केंद्रीय नेतृत्व की इस ‘उदासीनता’ के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं. यानी इस सीट की चुनावी लड़ाई भी प्रदेश इकाई के लिए महत्वपूर्ण है. अगर ये सीट कांग्रेस के हाथ से निकल जाती है, तो इस हार का ठीकरा प्रदेश नेतृत्व के सिर ही फूटेगा. ऐसे में बिहार में हो रहे इन दो सीटों के चुनाव ने पार्टी के प्रदेशस्तर के नेताओं की परेशानी पर बल ला दिए हैं.

I just find myself happy with the simple things. Appreciating the blessings God gave me.