किसानों से जुड़े बिल के लोकसभा में पारित होने को लेकर हंगामा जारी है. विधेयक के विरोध में किसान सड़क पर उतरने के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार फिलहाल इस मामले में झुकने को तैयार नहीं है. इन विधेयकों को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में भी फूट पड़ती हुई दिख रही है. एनडीए की पुरानी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (SAD) की नेता और केंद्रीय मंत्री रहीं हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि, अकाली दल ने एनडीए में बने रहने या छोड़ने के मामले में अभी फैसला नहीं लिया है. हरसिमरत कौर के इस्तीफे के बाद बीजेपी की सहयोगी जननायक जनता पार्टी (JJP) पर भी साथ छोड़ने का दबाव बढ़ रहा है. हरियाणा में BJP और JJP की सरकार है.

  • किसान बिल को लेकर हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से शुक्रवार सुबह मुलाकात की. विधेयक को लेकर जेजेपी को अपने कोर वोटबैंक से दबाव का सामना करना पड़ रहा है. जननायक जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व दुष्यंत चौटाला के घर पर मौजूद है.
  • बिल के विरोध में किसान मज़दूर यूनियन सड़क पर प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहा है. हरियाणा में 20 सितंबर को सड़क रोको आंदोलन होगा. 24 सितंबर से 26 सितंबर के बीच पंजाब में रेल रोको आंदोलन चलाएंगे. 25 सितंबर को पंजाब बंद की अपील भी की गई है.
  • पंजाब बीजेपी के उपाध्यक्ष प्रवीण बंसल ने हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह एक दुखदाई खबर है क्योंकि अकाली दल और बीजेपी एक अटूट गठजोड़ है. उन्होंने कहा कि अन्य पार्टियों के दबाव के चलते हरसिमरत कौर बादल ने यह फैसला लिया है. बीजेपी हमेशा किसानों के हित में ही रही है.
  • पंजाब के खडूर साहेब से सांसद जसबीर सिंह गिल ने कृषि विधयेक पर कहा कि अच्छा किया हरसिमरत कौर ने इस्तीफा दे दिया. पंजाब बॉर्डर स्टेट है वहां के किसानों को परेशान मत करो. पंजाब का किसान जमीन से बहुत प्यार करता है. हम विधयेक में बदलाव की बात कर रहे थे, इन्होंने खत्म कर दिया. सरकार किसान के साथ छलावा कर रही है. नीयत साफ होती तो रात के अंधेरे में बिल ना पास करवाते. जितने विपक्ष के राज्य है हम इसको लागू नही करेंगे.
  • सरकार का कहना है कि इस प्रस्तावित कानून से छोटे और सीमांत किसानों को फायदा मिलेगा. हालांकि पंजाब और हरियाणा जैसे कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले प्रदेशों में इसके खिलाफ बड़े स्तर पर विरोध देखने को मिल रहा है.
  • सरकार का कहना है कि इस प्रस्तावित कानून से छोटे और सीमांत किसानों को फायदा मिलेगा. हालांकि पंजाब और हरियाणा जैसे कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले प्रदेशों में इसके खिलाफ बड़े स्तर पर विरोध देखने को मिल रहा है.
  • मोदी सरकार संसद के मौजूदा मानसून सत्र में तीन अध्यादेशों को विधेयक के रूप में पास कराना चाहती है. लोकसभा में गुरुवार को दो किसान बिल पारित हो चुके हैं. इनमें किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) बिल-2020, आवश्यक वस्तु (संशोधन) बिल-2020 और मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता बिल, 2020 शामिल हैं.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को कहा कि लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयकों का पारित होना देश के किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है. ये विधेयक सही मायने में किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्त करेंगे.
  • इन बिल (विधेयकों) पर किसानों की सबसे बड़ी चिंता न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) को लेकर है. किसानों को डर सता रहा है कि सरकार बिल की आड़ में उनका न्यूनतम समर्थन मूल्य वापस लेना चाहती है.
  • हरियाणा कांग्रेस के नेता किसान बिल के विरोध में राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे. पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेसी विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात की. कांग्रेस ने मांग की है कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए. साथ ही किसानों के समर्थन में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेंगे.

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