PATNA: गृह मंत्रालय से लॉकडाउन में मजदूरों और छात्रों के लाने में मिली छूट के बाद तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार से पूछा है कि बिहार के 25 लाख मजदूरों को लाने में समक्ष है कि नहीं है. अगर आप लाएंगे तो कब लाएंगे. तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के बाहर में फंसे बिहारी मजदूरों और छात्रों को लेकर वह मजदूरों की आवाज उठा रहे थे.

विपक्ष के आगे झुकना पड़ा

तेजस्वी ने कहा कि हम राजनीति नहीं कर रहे हैं, लेकिन बिहार सरकार से पूछता हूं कि जब बाकी राज्य छात्रों को घर लेकर आए तो आप क्यों नहीं लेकर आए. तेजस्वी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार बार-बार नियम का हवाला दे रहे थे. लेकिन उनका इगो और उनकी जिद से हटना पड़ा. अब सीएम से अपील है कि जो बिहारी भाई फंसे है उनको अविलंब वापस लाए. सरकार से अपील है कि जल्द से लाया जाए. अगर वापस लाने में सक्षम नहीं है तो बिहारवासियों को यह बताना चाहिए.

तेजस्वी ने कहा कि बिहार में राशन वितरण में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान कुछ और डाटा देते हैं और बिहार सरकार का डाटा कुछ और मिलता है. कोरोना संकट में सिर्फ आईवास किया जा रहा है.

तेजस्वी यादव ने कहा कि कोरोना संकट के बीच सबसे बड़ी चिंता मजदूरों की थी. लगभग 25 लाख लोग जो बिहार के बाहर फंसे श्रमवीर और प्रवासी मजदूर की मांग की थी कि वह लॉकडाउन के बीच अपने परिवार के बीच आ जाए. मैंने इसको लेकर सरकार से हाथ जोड़कर विनती की थी. 35 दिनों से पूछ रहा था कि बिहार सरकार बाहर फंसे लोगों को वापस क्यों नहीं ला रही है. जबकि बाकी राज्य वापस ला रहे है. हमलोगों के दबाव और संघर्ष के बाद सरकार ने गाइड लाइन जारी दिया है. जिसमें मजदूर और छात्रों को वापस लाने की अनुमति दी गई है.

Input : First Bihar

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