बिहार में शिक्षकों को लेकर एक कहावत थी कि 12 बजे लेट नहीं और 2 बजे तक भेंट नहीं। लेकिन अब यह कहावत गलत साबित होती हुई दिख रही है। जबसे शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी आईएएस ऑफिसर केके पाठक के हाथों में दी गई है। तबसे वो लगातार कोई न कोई नया निर्णय ले रहे हैं। ऐसे में केके पाठक की तरफ से एक नया आदेश जारी किया गया है।
मालूम हो कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने 26 जुलाई को सूबे के सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि विद्यालय की जांच आगे भी लगातार जारी रखना है।
डीएम को लिखे पत्र में केके पाठक ने कहा है कि 1 जुलाई से सरकारी स्कूलों में अनुश्रवण की व्यवस्था की गई है। इसके परिणाम बेहतर आए हैं। हर दिन औसतन 22 से 23 हजार विद्यालयों का निरीक्षण हो रहा है। निरीक्षण व्यवस्था से विद्यालयों में शिक्षक एवं छात्रों की उपस्थिति में भी बढ़ोतरी देखी गई है। ऐसे में अनुश्रवण अभियान की सफलता को देखते हुए इसे अनुश्रवण व्यवस्था के रूप में परिवर्तित किया जाता है।
इसके अलावा केके पाठक ने आगे लिखा है कि सभी डीएम प्रत्येक महीने इस व्यवस्था के तहत निरीक्षण का रोस्टर अस्थाई रूप से निर्गत करें इससे विद्यालयों का निरीक्षण एक स्थाई प्रक्रिया बनेगा। 24 जुलाई से शाम 4 बजे से 6 बजे तक जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारी प्रधानाध्यापक से विसी के माध्यम से जुड़ते हैं। ऐसे में जिला स्तर पर शिक्षा विभाग की कोई बैठक शाम ने न बुलाया जाए। इसके बदले दोपहर में ही जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बैठक रखने की परंपरा बनाया जाएं।