भारतीय मौसम विभाग का कहना है कि दक्षिण-पश्चिमी मानसून एक हफ्ते की देरी से आने के बावजूद अब लक्षद्वीप, केरल और तमिलनाडु में तेजी से आगे बढ़ रहा है. अगले 48 घंटे में यानी मंगलवार तक पूर्वोत्तर राज्यों में भी मानसून के बेहतरीन हालात बन गए हैं. वहीं मौसम विभाग ने कहा कि बिहार-झारखंड में 20 जून के आसपास इसके आगमन की संभावना है.
बिहार और झारखंड में औसत से कम बारिश का अनुमान है. इधर, केरल में चार दिनों तक औसत से लेकर भारी बारिश होगी. इसके मद्देनजर 12 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है. मालूम हो कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ही देश के अधिकांश इलाकों में लगभग चार महीने तक चलने वाली बारिश की ऋतु का वाहक माना जाता है. स्काईमेट ने इस साल 93% और मौसम विभाग ने 96% बारिश की बात कही है.
यह जरूरी नहीं कि मॉनसून के दस्तक देने में देरी से सीजन में बारिश भी कम होगी. मौसम विभाग ने इस साल मॉनसून के ‘सामान्य’ रहने की भविष्यवाणी की है. साथ ही 96 प्रतिशत लॉन्ग पीरियड एवरेज बारिश का पूर्वानुमान किया है, जो सामान्य से थोड़ी कम बारिश है. विभाग ने इसे लेकर चिंतित न होने की सलाह दी है.
मानसून मंगलवार तक समूची बंगाल की खाड़ी को भी घेर लेगा. इसलिए मछुआरों को समुद्र में जाने से रोका गया है, चूंकि वहां 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. हालांकि केरल में मछुआरों को 52 दिनों के लिए समुद्र में 12 नाटिकल माइल से दूर जाने से रोका गया है. ताकि मछलियों के ब्रीडिंग सीजन में उन्हें कोई नुकसान न हो. इस आदेश को नहीं मानने वालों को 2.5 लाख रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा.
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