केंद्र सरकार के जारी गाइडलाइन के बाद देश के अलग-अलग प्रदेशों में फंसे मजदूरों की बिहार वापसी हो रही है. लेकिन मजदूरों से वापस घर आने के लिए रेलवे (Indian Railway) की तरफ से किराये की वसूली की जा रही है. ये हम नहीं बल्कि खुद वो मजदूर कह रहे हैं जो लंबे समय बाद अपने घर को लौट रहे हैं.

केरल (Kerala) के एर्नाकुलम से मुजफ्फरपुर लौटे मजदूरों की मानें तो उनसे 1,020 रुपया लिया गया. मजदूरों ने बताया कि कोरोना बंदी (Corona Lockdown) में उनके पास खाने-पीने की समस्या खड़ी हो गई थी ऐसे में उनके पास घर लौटने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा था. बावजूद इसके रेलवे द्वारा सभी मजदूरों से ₹1,020 लेकर उन्हें टिकट दिया गया तब जाकर सभी मुजफ्फरपुर जंक्शन तक पहुंच पाए. केरल से मुजफ्फरपुर पहुंचने वाले मजदूरों में उत्तर और दक्षिण बिहार के मजदूर शामिल थे.

केरल से मुजफ्फरपुर पहुंचे मजदूरों ने न्यूज़ 18 से बातचीत में बताया कि रेलवे द्वारा उन्हें सही तरीके से भोजन उपलब्ध नहीं कराया गया. मजदूरों ने बताया कि किसी तरह आधा पेट खाना खाकर वो मुजफ्फरपुर तक पहुंचे हैं. ट्रेन से सफर करने से पहले भी मजदूरों की हालत बेहद खराब थी. एक तरफ काम बंद हो गया था तो दूसरी तरफ घर का राशन भी खत्म हो गया था. हालांकि घर वापसी से मजदूरों के चेहरे खिले हुए थे. सभी मजदूरों को जिला प्रशासन ने बसों के द्वारा उनके अपने गृह इलाके में भेजा. यहां पहुंचने पर मजदूरों को प्रखंड स्तर पर बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में रहना होगा.

अबतक 5 ट्रेनें पहुंची हैं मुजफ्फरपुर

प्रवासी मजदूरों और छात्रों को लेकर अब तक पांच विशेष ट्रेनें मुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंच चुकी है. इनमें गुजरात के साबरमती, राजस्थान के उदयपुर, राजस्थान के कोटा से दो ट्रेन और केरल के एर्नाकुलम से एक विशेष ट्रेन शामिल है. जिसमें से अधिकांश श्रमिक (कामगार) ही दूसरे राज्यों से पहुंचे हैं. कोटा से दो विशेष ट्रेन छात्र-छात्राओं को लेकर मुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंची है. आए लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है और 21 दिनों के लिए क्वारंटाइन सेंटर भेजा रहा है. कोटा से आने वाले छात्र-छात्राओं को होम क्वारंटाइन में रहने की सुविधा दी जा रही है.

720 मजदूर हैं क्वारंटाइन सेंटर में

विशेष ट्रेन से दूसरे राज्यों से आने वाले 720 मजदूरों को मुजफ्फरपुर जिले के अलग-अलग प्रखंडों में क्वारंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है. सभी क्वारंटाइन सेंटर में मजिस्ट्रेट और पुलिसकर्मियों के साथ ही सामुदायिक किचन की व्यवस्था की गई है. कॉल सेंटर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सभी लोगों को रहने की हिदायत दी गई है. मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन ने जिले में 45 क्वारंटाइन सेंटर मजदूरों के रहने के लिए बनाया है.

Input : News18

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