कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं में मानव बल बढ़ाने को लेकर सरकार लगातार कोशिश कर रही है. हाल में स्वास्थ्य विभाग की ओर से वाक इन इंटरव्यू के आधार पर 1 हजार डॉक्टरों की कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्ति की गई है. अब सरकारी मेडिकल कॉलेज से पीजी या डिप्लोमा करनेवाले छात्रों को भी कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर सरकार ने बहाल करने का फैसला लिया है. ऐसे में 1995 मेडिकल छात्रों की बहाली होगी.

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि माननीय मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार मानव बल बढ़ाने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग की प्रक्रिया जारी है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय से पीजी/डिप्लोमा उत्तीर्ण छात्रों से कॉन्ट्रैक्ट के अधीन तीन वर्षीय अनिवार्य सेवा हेतु कुल 1995 फ्लोटिंग पदों के सृजन की स्वीकृती देते हुए अग्रेत्तर कार्रवाई की जा रही है. इसके लिए ऐसे छात्रों को प्रतिमाह 82 हजार रुपये मानदेय दिया जायेगा.

मानक और मानदेय का आधार

पदों पर नियोजित सीनियर रेजिटेंड/ट्वीटर/ विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संविदा/मानदेय के आधार अन्य नियोजित विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी के समतुल्य मानदेय दिया जाएगा. इन सृजित पदो के विरुद्ध पहले साल से लेकर तीसरे साल तक वर्तमान में अधिकतम 515 पदों पर नियोजन हेतु प्रति वर्ष वार्षिक व्यय कुल 50 करोड़ 67 लाख 60 हजार विभाग खर्च करेगा. आने वाले वर्ष से इसके अतिरिक्त प्रति वर्ष और 150 छात्र पीजी/डिप्लोमा में उत्तीर्ण होंगे इसलिए 1995 फ्लोटिंग पदो के सृजन हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्णय लेकर कार्रवाई की जा रही है.

जिलों में शुरू हुई ऑक्सीजन सप्लाई

ग्रामीण स्तर पर कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अब जिलों में ऑक्सीजन सप्लाई शुरू कर दी है. विभाग ने जिलों में ‘बी’ टाइप 1300 ऑक्सीजन सिलेंडर और 242 छोटा सिलेंडर भेजे हैं. पटना ग्रामीण इलाकों में ‘बी’ टाइप 500 और 92 छोटे सिलेंडर, भागलपुर में 200 ‘बी’ टाइप और 50 छोटे सिलेंडर, गया में ‘बी’ टाइप 300 और 50 छोटे सिलेंडर, मुजफ्फरपुर में ‘बी’ टाइप 300 और 50 छोटे सिलेंडर भेजा गए हैं.

Source : Zee News

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