बिहार के राष्ट्रीय उच्च पथों (एनएच) पर लगने वाले टोल प्लाजा में नकदी लेन-देन बंद हो सकता है। कोरोना वायरस से निबटने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) इस प्रस्ताव पर काम कर रहा है। इसकी प्रबल संभावना है कि आगामी दो-तीन दिनों में एनएचएआई इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाए।

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एनएचएआई के अधिकारियों का तर्क है कि सड़क ऐसा  साधन है जहां शहरी, ग्रामीण सभी सफर करते हैं। अगर एक भी नागरिक कोरोना वायरस की चपेट में आ गया तो टोल प्लाजा पर काम करने वाले कर्मचारी के माध्यम से उसका फैलाव अधिक इलाकों में हो जाएगा। ऐसे में यह जरूरी है कि नकदी का लेन-देन बंद किया जाए।

इस बाबत एनएचएआई के क्षेत्रीय पदाधिकारी सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल चंदन वत्स ने कहा कि कोशिश होगी की सभी गाड़ियों में फास्टैग लग जाए। जिन गाड़ियों में ऐसी सुविधा नहीं होगी, उनसे कार्ड से भुगतान लिया जाएगा। एटीएम या डेबिट कार्ड को सैनिटाइज करने के बाद ही टोल टैक्स लेने पर विचार किया जाएगा।  ऐसे गाड़ी मालिकों पर भी निगरानी रखी जाएगी।

उल्लेखनीय है कि बिहार में अभी 22 जगहों पर टोल प्लाजा की वसूली हो रही है। आकलन के अनुसार एक दिन में औसतन सवा लाख गाड़ियां एनएच से गुजरती है। अभी इसमें से बमुश्किल 45 फीसदी यानी 56 हजार से अधिक गाड़ियों से ही फास्टैग से टोल टैक्स का भुगतान कर रहे हैं। बाकी 68 हजार से अधिक गाड़ियां नकदी से टोल टैक्स का भुगतान कर रही हैं। हालांकि फोर लेन वाले एनएच पर 50 फीसदी से अधिक गाड़ियों से फास्टैग से भुगतान हो रहा है।

यहां से खरीद सकते हैं फास्टैग 
टोल प्लाजा, पेटीएम, अमेजन, बैंक, आईओसी, भारत व हिन्दुस्तान पेट्रोल पंप के माध्यम से।

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