बिहार में शिक्षा के मामले में पहले से हाशिए पर रही बच्चियों को कोरोना ने और पीछे धकेल दिया है। स्कूल बंद होने और ऑनलाइन पढ़ाई का सबसे बड़ा नुकसान सरकारी स्कूलों की बच्चियों को होने वाला है। सरकारी एजेंसियों की सर्वे रिपोर्ट का मानना है कि कोरोना के बाद स्कूल खुलने पर 6 से 14 साल की 41 फीसदी बच्चियां अब स्कूल नहीं आ पाएंगी। वहीं सरकारी स्कूलों की 76 फीसदी बच्चियों को ऑनलाइन पढ़ाई का फायदा के बजाय नुकसान हो गया।

पढ़ाई के बहाने भी स्कूल जाने वाली इन लड़कियों को ऑनलाइन क्लास के वक्त घर या कोई अन्य काम करना पड़ रहा था। सरकार ने कोविड के दौरान ‘लाइफ इन द टाइम ऑफ कोविड-19: मैपिंग द इंपैक्ट ऑफ कोविड-19 ऑन द लाइव्स एंड एजुकेशन ऑफ चिल्ड्रन इन इंडिया’ के नाम से एक सर्वे कराया। इसकी जिम्मेदारी राइट टू एजुकेशन फोरम ,सेंटर फॉर बजट एंड पॉलिसी और चैंपियंस फॉर गर्ल्स एजुकेशन को दी गई थी। सर्वे बिहार,उत्तर प्रदेश, आसोम, तेलांगना और दिल्ली में कराए गए थे। इन सभी राज्यों की स्थिति कमोवेश एक ही मगर बिहार के आंकड़े और भी खराब हैं।

आठ साल की पढ़ाई में चार साल नहीं जाती हैं स्कूल
रिपोर्ट के अनुसार सामान्य दिनों में 6 साल से 14 साल की उम्र के बीच आठ साल में चार साल लड़कियां स्कूल नहीं जाती हैं। कोरोना ने इस अवधि का और बढ़ा दिया है। स्कूल जाने वाली लड़कियों के परिजनों से बातचीत का हवाला देते हुए कहा गया है कि 41 फीसदी लड़कियां अब फिर से स्कूल नहीं आ पाएंगी। साल भर से कॉपी-किताब से दूर होने के कारण घर और परिवार की मदद और कार्योँ पर निर्भर होने के कारण ऐसी स्थिति बनी है। अभी भी लिंग भेद का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान 76 फीसदी लड़कियां जहां घर का काम करती थीं वहीं 81 फीसदी लड़के अपनी मर्जी का काम कर रहे थे।

29% लड़कियों को पढ़ने के लिए मिलता था मोबाइल
ऑनलाइन पढ़ाई में घरों में भी लड़कियों को हाशिए पर रखा जाता है। रिपोर्ट के अनुसार अधिकांश बच्चों के घरों में मोबाइल थे। मगर पढ़ाई के लिए केवल 33 फीसदी घरों में मोबाइल उपलब्ध कराए जाते थे। लड़कियों की स्थिति यहां भी खराब थी। लड़कों को तो मिल जाते थे मगर लड़कियों में केवल 29% को ही पढ़ने के लिए मोबाइल मिल पाता था।

लड़कियों को आशंका, अब कर दी जाएगी शादी
सर्वे में बड़ी संख्या में बच्चियों ने आशंका जताई है कि अब वे स्कूल नहीं जा सकेंगी। उनकी शादी कर दी जाएगी। साथ ही यह भी कहा है कि अब उनसे पढ़ाई की जगह काम ही कराया जाता रहेगा।

Input: Live Hindustan

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