पूर्व सांसद पप्पू यादव ने सारण पहुंच कर अमनौर के इलाके में सांसद मद की यूं ही पड़े 30 की संख्या में एम्बुलेंस पर सवाल उठाया। इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद राजीव प्रताप रूडी पलटवार करते हुए बयान जारी कर कहा है कि अनधिकृत रूप से पप्पू यादव अपने काफिले के साथ अमनौर के सामुदायिक केंद्र परिसर में शुक्रवार को प्रवेश किये। वहां के चौकीदार और अन्य कर्मियों से भिड़ते हुए कोविड के कारण चालकों की कमी से पंचायतों द्वारा लौटाए गये एम्बुलेंस जो सुरक्षित रखे गये थे उसका फोटो खिंचवाने के लिए तहस-नहस किया। स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा इसका विरोध करने और उनसे यह सवाल पूछने कि क्या आपने इस तरह से एक भी एम्बुलेंस चलवाया है तब वे वहां से छोड़कर हटे।
सांसद का कहना है कि कोविड मरीजों की सेवा में लगे एम्बुलेंस सेवा को पप्पू यादव का अपने समर्थकों के साथ बाधित करना और सेवा में लगे कार्यकर्ताओं से भिड़ना निंदनीय अपराध है। उन्होंने कहा कि जिला में लगभग 80 एम्बुलेंस है जिसमें से वर्तमान में 50 परिचालन में है। एम्बुलेंस परिचालन में सारण बिहार ही नहीं देश का पहला ऐसा जिला है जहां इतनी संख्या में सांसद निधि के एम्बुलेंस पिछले पांच वर्षों में संचालित किये जा रहे है।
सांसद रुडी ने पप्पू यादव को चुनौती देते हुए कहा कि वे अपने काफिले के साथ चलने वाले चालकों को एम्बुलेंस के संचालन के लिए कहे। यदि पप्पू यादव को इतनी ही पीड़ा है तो अविलम्ब ड्राइवर की व्यवस्था कर सारण आये और चालक मुक्त जितने एम्बुलेंस मेरी व्यवस्था में है उसे उनको परिचालन के लिए देने के लिए तैयार है।
बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी है : पप्पू यादव
जाप नेता पप्पू यादव ने कहा कि सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। नेताओं की मानवता मर चुकी है। एक महीने से कोरोना के कहर से हर -गांव गली कराह रहे हैं। कोरोना मरीज राम भरोसे हैं। गुरूवार को अमनौर एसएच 73 गोविन्द खोड़ीपाकर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि यहां ऑक्सीजन की ब्यवस्था है और न ही एम्बुलेंस और बेड की सुविधा है। किसी के इशारे पर पूर्व सांसद सामुदायिक केन्द्र के पीछे रखे कुछ एम्बुलेंस देख हैरान रह गये। फिर कहा कि सांसद मद से आवंटित एम्बुलेंस आखिर यहां क्यों पड़ी है। पप्पू यादव का कहना है कि एम्बुलेंस किसका है इससे मतलब नहीं। वे इंसानियत की बात कर रहे हैं। सरकार को कोविड के लिए फ्री एम्बुलेंस, इलाज और 5 लाख रुपए की बीमा की व्यवस्था करनी चाहिए। अब डॉक्टरों की बहाली की बात सोची जा रही है।
Source : Hindustan