नई दिल्ली. भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय (Office of the Principal Scientific Adviser to the Government of India) ने भारत में Covid-19 महामारी के प्रसार के दौर में घनी आबादी वाले इलाकों में हाइजीन और स्वच्छता (Hygiene and Sanitation) को लेकर गाइडलाइन (Guideline) जारी की हैं. जिनमें कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रसार के दौर में घनी आबादी के इलाके में रहने वालों को बीमारी के संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षा के उपायों के बारे में बताया गया है.

गाइडलाइन की 22 पन्नों की इस हैंडबुक में राज्यों/स्थानीय प्रशासन (States/Local Administration) और समुदायों को कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रसार को घनी आबादी वाले इलाकों में रोकने के लिए कुछ कदम उठाने के लिए कहा गया है. दरअसल ऐसे इलाकों में शौचालय, कपड़े धोने की जगहों, नहाने की जगहों आदि का सामुदायिक इस्तेमाल किया जाता है.

घनी आबादी में रहने वालों, खासकर बुजुर्गों को संक्रमण का खतरा अधिक
गाइडलाइन में बताया गया है कि नए कोरोना वायरस कोविड-19 से फैलने वाला यह संक्रमण एक संक्रामक यानि एक से दूसरे इंसान को होने वाला रोग है. कहा गया है कि ज्यादातर लोगों में इसके हल्के लक्षण देखे जाते हैं और वे बिना विशेष इलाज (special treatment) के भी सही हो जाते हैं लेकिन बुजुर्ग लोग खासकर जो सांस की बीमारियों या गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं उन्हें इस संक्रमण से ज्यादा नुकसान का खतरा होता है. ऐसे में घनी आबादी वाले इलाकों में स्वच्छता और हाइजीन को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है ताकि यहां लोगों के व्यवहार में वायरस के संक्रमण से बचाव के तरीकों को बढ़ावा दिया जा सके. ऐसे घनी आबादी वाले इलाकों में वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए निम्न उपाय बहुत जरूरी हैं-

डाइनलोड करें आरोग्य सेतु ऐप, मिलेगी कोरोना मामलों की जानकारी
सभी मरीज जिन्हें बुखार, सर्दी लगना, सूखी खांसी, नाक बहना आदि लक्षण लग रहे हैं अपनी करीबी आशा, आंगनवाड़ी और फ्रंटलाइन कर्मचारियों (Frontline Workers) से संपर्क करें.

गाइडलाइन में आरोग्य सेतु ऐप (Aarogya Setu App) डाउनलोड कर इसका उपयोग करने की बात भी कही गई है. 11 भाषाओं में उपलब्ध इस ऐप को डाउनलोड करके आप अपने आस-पास कोविड-19 के मामलों की जानकारी पा सकते हैं. साथ ही यह आपके मामलों का पता लगाने और खुद से आपके इलाके के स्वास्थ्य कर्मचारियों को इसकी जानकारी देने का काम भी करती है.

फिर से धोकर करें सूती कपड़े से बने मास्क का इस्तेमाल, पैर संचालित हाथ धोने के तरीके बताए
3 साल के अधिक के बच्चों सहित सभी को सूती कपड़े से मुंह ढ़ंकने की हिदायत दी गई है. कहा गया है कि बिना लक्षण वाला इंसान भी किसी को संक्रमित कर सकता है इसलिए हमेशा मुंह ढंककर रखें. साथ ही साबुन और गर्म पानी (Hot water) से मास्क को धुलकर और धूप में सुखाकर फिर से इस्तेमाल करने के बारे में भी बताया गया है.

स्वच्छता और हाइजीन को लेकर हाथ धोने के अलग तरीके का इस्तेमाल करने को कहा गया है. इसके लिए शौचालयों (Toilets) के बाहर कई अलग-अलग विधियों से पैर से संचालित होने वाले नल से हाथ धोने के तरीके भी बताए गए हैं ताकि एक के बाद एक, कई लोग एक ही नल के संपर्क में न आएं.

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