वॉशिंगटन. दुनियाभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) ने तबाही मचा रखी है. इस वायरस से अब तक 63 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. 11 लाख से ज्यादा लोग इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ चुके हैं. अमेरिका में 24 घंटे में कोरोना वायरस से 1480 लोगों ने जान गंवाई है. लोगों की जान बचाना इस वक्त ट्रंप सरकार की बड़ी चुनौती है. इस बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. इस दौरान ट्रंप ने पीएम मोदी से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टेबलेट्स की सप्लाई की गुजारिश की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं भी इसे (दवा को) ले सकता हूं, मुझे डॉक्टरों से इस बारे में बात करनी होगी.

दरअसल, कोरोना वायरस से लड़ने में मदद करने वाली मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन (Hydroxychloroquine) के निर्यात पर भारत सरकार ने रोक लगा दी है. सरकार का कहना है कि इस दवा की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल प्रभाव से इस पर रोक लगाना जरूरी है. ऐसे में अमेरिका समेत अन्य देशों में इस टेबलेट की मांग बढ़ गई है.

क्या है हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन?

ये दवा एंटी मलेरिया ड्रग क्लोरोक्वीन से अलग दवा है. यह एक टेबलेट है जिसका उपयोग ऑटोइम्यून रोगों जैसे कि संधिशोथ (Arthritis) के इलाज में किया जाता है, लेकिन इसे कोरोना से बचाव में इस्तेमाल किये जाने की बात भी सामने आई है.

इस दवा का खास असर SARS-CoV-2 पर पड़ता है. यह वही वायरस है जो COVID-2 का कारण बनता है. ये भी बता दें कि इसी आर्टिकल के हवाले से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 21 मार्च वाला ट्विट किया था.

इस बात की शुरुआत तब हुई जब 19 मार्च को द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ में लिखे एक आर्टिकल में इस दवा के फायदे और बीमारियों से लड़ने की क्षमता के बारे में बताया गया. इस आर्टिकल मे इस बता पर जोर दिया गया कि यह दवा कोरोनोवायरस के खिलाफ एंटी-वायरल तरीके से काम करती है.

कोरोना से मिलकर लड़ेंगे भारत-अमेरिका

कोरोना वायरस महामारी से पैदा हुई स्थिति से निपटने के लिए पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत-अमेरिका साझेदारी की पूरी ताकत का उपयोग करने का संकल्प लिया. मोदी ने इस बातचीत के बारे में ट्वीट कर कहा, ‘राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ टेलीफोन पर विस्तृत चर्चा हुई. हमारी चर्चा काफी अच्छी रही और हमने कोविड-19 से निपटने में भारत-अमेरिका साझेदारी की पूरी ताकत का उपयोग करने पर सहमति व्यक्त की.

अब कोविड-19 की जांच, इलाज मुफ्त

उधर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने शनिवार को कहा कि आयुष्मान भारत के लाभार्थियों के लिए निजी प्रयोगशालाओं(लैब) और पैनल वाले अस्पतालों में ‘कोविड-19’ की जांच और इलाज निशुल्क होंगे. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू करने वाले एनएचए ने कहा कि इससे कोरोना वायरस महामारी से निपटने में देश की क्षमता बढ़ेगी.

एनएचए ने एक बयान में कहा, ‘सरकारी केंद्रों में कोविड-19 संक्रमण का पता लगाने के लिये जांच और उपचार पहले से ही मुफ्त में उपलब्ध है. अब स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत पात्र 50 करोड़ से ज्यादा लोग प्राइवेट लैब के माध्यम से जांच तथा पैनल वाले अस्पतालों में इलाज का लाभ भी उठा सकेंगे.’

एनएचए ने कहा कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पैनल वाले अस्पताल अपने अधिकृत जांच केंद्रों का इस्तेमाल कर सकते हैं या किसी अधिकृत जांच केंद्र को इसके लिए जोड़ सकते हैं.

Input : News18

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