बिहार में प्रति एक सौ कोरोना टीके में पांच टीका उपयोग के दौरान बर्बाद हो रहा है। एक ओर कोरोना टीका को लेकर लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है तो दूसरी ओर टीके की बर्बादी भी हो रही है। राज्य में मंगलवार की सुबह तक 5.20 फीसदी कोरोना टीका उपयोग के दौरान बर्बाद हो गया था। भारत सरकार प्रतिदिन कोरोना टीका के उपयोग और उसकी बर्बादी पर नजर रख रही है।

देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बिहार कोरोना टीके की बर्बादी को लेकर छठे स्थान पर है। कोरोना टीका बर्बाद होने की दर नागालैंड में 3.36 फीसदी, तमिलनाडु में 4.13 फीसदी, दादर एवं नगर हवेली में 4.85 फीसदी, पंजाब में 4.94 फीसदी और मणिपुर में 5.19 फीसदी है जबकि बिहार में 5.20 फीसदी है।

टीका बर्बाद करने वाले दस प्रमुख राज्यों में हरियाणा अव्वल
देश मे टीका बर्बाद करने वाले दस प्रमुख राज्यों में हरियाणा अव्वल है। हरियाणा में सर्वाधिक 6.49 फीसदी टीका बर्बाद हुआ है। जबकि असम में 5.92 फीसदी, राजस्थान में 5.68 फीसदी और मेघालय में 5.67 फीसदी है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने उपयोग किये जाने वाले कोरोना टीका में अधिकतम 10 फीसदी टीके की बर्बादी का अनुमान किया है। जिससे इन राज्यों में कम ही टीका बर्बाद हुआ है।

बिहार को अबतक मिला 87,65,820 डोज

जानकारी के अनुसार बिहार को अबतक केंद्र सरकार से कुल 87 लाख 65 हजार 820 टीका मिला है। जिसमें अबतक 82 लाख 39 हजार 424 टीके का उपयोग किया गया है। सूत्रों के अनुसार राज्य में अभी 5 लाख 26 हजार 396 कोरोना टीका उपलब्ध है।

Input: Live Hindustan

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