जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम एवं उस पर प्रभावी नियंत्रण के साथ-साथ समानांतर रूप से एईएस/चमकी बुखार पर भी नियन्त्रण को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ विभाग द्वारा माकूल तैयारी की जा रही है। मंगलवार की शाम चमकी बुखार को लेकर जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में डीएम द्वारा उपस्थित सभी पदाधिकारियों को चमकी बुखार पर रोकथाम और और उसपर प्रभावी नियंत्रण के मद्देनजर महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए। बैठक में उपस्थित जिले के सभी वरीय पदाधिकारियों के साथ चमकी बुखार/एईएस को लेकर बनाई गई कार्ययोजना पर विस्तृत विचार- विमर्श किया एवं उन्होंने सभी का सुझाव भी मांगा।
बैठक में विभिन्न कोषांगों का पुनर्गठन किया गया और एक प्रभावी कार्ययोजना तैयार की गई। आने वाले दिनों में उक्त कार्य योजना के आलोक में चमकी बुखार को लेकर जिला स्तर से लेकर पंचायतों में गांव स्तर तक चमकी बुखार की रोकथाम एवं उस पर नियंत्रण के मद्देनजर प्रभावी कवायद की जाएगी ।जिलाधिकारी ने कहा की विभिन्न विभागों के परस्पर समन्वय एवं लाइन डिपार्टमेंट के सहयोग से हम उक्त बीमारी पर नियंत्रण में पूर्णता सफल साबित होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आनेवाली चुनौतियों का हम सामना करने को तैयार हैं।
सबसे महत्वपूर्ण कोषांग प्रचार प्रसार एवं जन- जागरूकता कोषांग का गठन किया गया। इस कोषांग के माध्यम से विभिन्न विभागों यथा- पी आर डी, आईसीडीएस, शिक्षा विभाग, जीविका, पंचायती राज, आपूर्ति, स्वास्थ्य विभाग, यूनिसेफ और रेड क्रॉस आदि के माध्यम से और उनके परस्पर समन्वय से एईएस को लेकर सघन जागरूकता कार्यक्रम किए जाएंगे। इस कोषांग के नोडल पदाधिकारी जिला जनसंपर्क अधिकारी को बनाया गया है । यह कोषांग होर्डिंग/फ्लेक्स, नुक्कड़ नाटक, रेडियो जिंगल, पोस्टर, पंपलेट, बैनर, संध्या चौपाल इत्यादि के माध्यम से सघन जागरूकता कार्यक्रम गांव-गांव तक किया जाएगा।
दूसरा महत्वपूर्ण कोषांग क्षमता वर्धन एवं प्रशिक्षण कोषांग है ।इसके द्वारा ग्रामीण डॉक्टर का प्रशिक्षण, एइस वार्ड की तैयारी, दवा एवं उपकरण की उपलब्धता गैप एनालिसिस को पूरा करना, स्वास्थ विभाग के कर्मियों तथा आशा, एएनएम आईसीडीएस, के सेविका सहायिका जीविका दीदियों आदि को व्यापक प्रशिक्षण दिया जाएगा। वैसे पूर्व से ही प्रशिक्षण दी जा रही है ।
तीसरा महत्वपूर्ण कोषांग अनुश्रवण व मूल्यांकन कोषांग होगा। इस कोषांग के माध्यम से एईएस की रोकथाम एवं बचाव को लेकर किये जा रहे समस्त कार्यो का सतत अनुश्रवण किया जाएगा। चौथा महत्वपूर्ण कोषांग एंबुलेंस सेवा त्वरित कोषांग होगा इसके अतिरिक्त नियंत्रण कक्ष एवं क्यूआरटी कोषांग का गठन किया गया है। एवं छठा महत्वपूर्ण कोषांग चिकित्सीय संसाधन प्रबंधन कोषांग होगा। बैठक में जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि कोरोना के साथ-साथ समानांतर रूप से हमें एईएस की चुनौतियों से भी निपटना होगा। सभी इस संबंध में अपने उतरादायित्वों का गंभीरता से पालन करेंगे। इसमें किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।