प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त देश को संबोधित कर रहे हैं. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में लॉकडाउन को लागू किया गया है. कोरोना संकट काल में राष्ट्र के नाम यह प्रधानमंत्री का चौथा संबोधन है. पीएम मोदी ने कहा कि एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है. दुनिया में अब तक 4 मिलियन से ज्यादा की आबादी इसकी चपेट में आ गई है. पीएम मोदी ने कोरोना से निपटने के लिए आर्थिक पैकेज का एलान किया है. पीएम ने 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का एलान किया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है. देश के उस किसान के लिए है. जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है. ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है. जो ईमानदारी से टैक्स देता है. देश के विकास में अपना योगदान देता है.

पीएम मोदी ने आर्थिक पैकेज का एलान किया है. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट का सामना करते हुए, नए संकल्प के साथ मैं आज एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं. ये आर्थिक पैकेज, आत्मनिर्भर भारत अभियान’ की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा. पीएम मोदी ने कहा कि हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं, जो रिजर्व बैंक के फैसले थे, और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है, उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है. ये पैकेज भारत की GDP का करीब-करीब 10 प्रतिशत है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया को विश्वास होने लगा है कि भारत बहुत अच्छा कर सकता है, मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ अच्छा दे सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में कहा कि जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही दुनिया में आज भारत की दवाइयां एक नई आशा लेकर पहुंचती हैं. इन कदमों से दुनिया भर में भारत की भूरि-भूरि प्रशंसा होती है, तो हर भारतीय गर्व करता है.

राष्ट्र के संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि थकना, हारना, टूटना-बिखरना, मानव को मंजूर नहीं है. सतर्क रहते हुए, ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए, अब हमें बचना भी है और आगे भी बढ़ना है. उन्होंने कहा कि एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है. विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं. सारी दुनिया, जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है. जब हम इन दोनों कालखंडो को भारत के नजरिए से देखते हैं, तो लगता है कि 21वीं सदी भारत की हो, ये हमारा सपना नहीं, ये हम सभी की जिम्मेदारी है. विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग “आत्मनिर्भर भारत” ही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में कहा कि एक राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत ही अहम मोड़ पर खड़े हैं. इतनी बड़ी आपदा, भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है, एक संदेश लेकर आई है, एक अवसर लेकर आई है. जब कोरोना संकट शुरु हुआ, तब भारत में एक भी PPE किट नहीं बनती थी. एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था. आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्व के सामने भारत का मूलभूत चिंतन, आशा की किरण नजर आता है. भारत की संस्कृति, भारत के संस्कार, उस आत्मनिर्भरता की बात करते हैं जिसकी आत्मा वसुधैव कुटुंबकम है. भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है, तो आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता. भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख, सहयोग और शांति की चिंता होती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की थी. इस दौरान उन्होंने लॉकडाउन बढ़ाए जाने के संकेत दिए थे. दरअसल, देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. आज कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या 2,293 तक पहुंच गई जबकि संक्रमितों की संख्या 70,756 हो गई है. सोमवार सुबह आठ बजे से 24 घंटे के भीतर 3,604 नए मामले सामने आए हैं और 87 लोगों की मौत हुई है. देश में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 25 मार्च से लागू है. लॉकडाउन का दूसरा चरण तीन मई को समाप्त हुआ था, जबकि पहला चरण 14 अप्रैल को समाप्त हुआ था.

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