जिले के प्रख्यात पत्रकार दिवंगत शिवशंकर श्रीवास्तव की 10वीं पुण्यतिथि पर गुरुवार को खादी भंडार के पटेल नगर स्थित आवासीय परिसर में स्मृति पर्व मनाया गया। इस अवसर पर ऑनलाइन संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। इसमें देशभर से शामिल हुए पत्रकारों व समाजसेवियों ने दिवंगत पत्रकार शिवशंकर श्रीवास्तव के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। सबने उनकी पत्रकारिता के दिनों की यादें साझा की। साथ ही संगोष्ठी के विषय ” कोरोना से बचाव में पत्रकारों की भूमिका” पर अपनी बातें रखी।
दिल्ली के पत्रकार अमित दत्ता ने कोरोना काल में पत्रकारिता के लिए चुनौतियों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि सही सूचना का प्रसार करना पत्रकारों का कर्तव्य है। अधूरी या भ्रामक सूचनाओं से लोगों में वहम फैल सकता है। इससे डिप्रेशन, हार्ट अटैक आदि का खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि चुनौती भरे इस कोरोना काल में पत्रकार व प्रशासन एक-दूसरे के पूरक हैं। ये दोनों समाज को सुरक्षा के लिए सचेत करते हैं। चुनौतियों से जूझते हुए पत्रकार अपनी लेखनी से समाज व प्रशासन को सचेत करते हैं। वहीं, प्रशासन भी पत्रकार के माध्यम से ही सही सूचना समाज तक पहुंचाता है।
पर्यावरणविद अनिल प्रकाश ने कहा कि शिवशंकर श्रीवास्तव जी निर्भीक पत्रकार थे। उन्होंने अपनी पत्रकारिता में चुनौतियों से कभी समझौता नहीं किया। उनको याद करना सही और वास्तविक पत्रकारिता को जीवंत बनाए रखने के लिए जरूरी है। दिवंगत पत्रकार शिवशंकर श्रीवास्तव की पत्नी संगीता चैनपुरी ने कहा कि श्रीवास्तव जी समाज व पत्रकारिता के लिए हमेशा चेतनाशील रहे।
संगोष्ठी का अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यविद शशिकांत झा ने कहा कि आपदा के समय पत्रकारों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। जागरूकता ही कोरोना से बचाव के लिए अहम है और समाज को जागरूक करना पत्रकारों का कर्तव्य है। कोरोना के प्रति डर की भावना खत्म करने में पत्रकारों की भूमिका अहम है। संचालन कर रहे डॉ. फूलगेन पूर्वे ने शिवशंकर श्रीवास्तव की पत्रकारिता के दिनों की चर्चा की। धन्यवाद ज्ञापन अभिषेक प्रियदर्शी ने किया।
इस दौरान कवि व अधिवक्ता पंकज बसंत, केएन श्रीवास्तव, प्रियेश सहाय, मंजू वर्मा, महालक्ष्मी, अंजनी, चंदन विश्वास, शक्ति सौरभ, आदर्श रंजन, श्वेता विश्वास आदि ने दिवंगत शिवशंकर श्रीवास्तव जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।