कोरोना काल में बिहार सरकार ने राज्य के लाखों श्रमिकों को राहत दी है। उनके खाते में कोविड आर्थिक सहायता के रूप में 446 करोड़ से अधिक राशि भेजी गई है। गुरुवार को श्रम संसाधन विभाग के मंत्री जिवेश कुमार द्वारा विश्वव्यापी कोविड-19 महामारी के मद्देनजर वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए ‘वार्षिक चिकित्सा सहायता’ योजना के अंतर्गत बिहार सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में निबंधित सभी निर्माण कामगारों को तीन हजार की दर से राशि का हस्तांतरण किया गया।

कुल 14,87,023 निबंधित निर्माण कामगारों को तीन हजार रुपए के हिसाब से 446 करोड़, 10 लाख 69 हजार की राशि उनके बैंक खातों में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए भेजी जा रही है। यह राशि आधार से लिंक हो चुके खातों में ही भेजी जाएगी। विभागीय मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में भी बोर्ड द्वारा निबंधित निर्माण कामगारों को 282.48 करोड़ की राशि प्रदान की गई थी। बता दें कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर निबंधित निर्माण कामगारों को ‘‘कोविड-19 विशेष अनुदान योजना’ के तहत 221.54 करोड़ की राशि उनके बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर की गई है। मंत्री जिवेश कुमार ने कहा कि विवाह सहायता योजना, मातृत्व लाभ योजना, मृत्यु लाभ योजना, भवन मरम्मति अनुदान योजना, पितृत्व लाभ योजना एवं नकद पुरस्कार आदि योजनाओं के तहत निबंधित निर्माण श्रमिकों को नियमित रूप से लाभ दिया जा रहा है।

अनहोनी में मददगार होगी आयुष्मान योजना : जिवेश
उन्होंने कहा कि बोर्ड के निबंधित निर्माण कामगारों को ‘आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ से आच्छादित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार के साथ करार करते हुए 110.90 करोड़ की राशि बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति को उपलब्ध कराई गई है। कहा कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना प्रदेश के कामगारों को आर्थिक रूप से विपन्न होने से तो बचाएगा ही, साथ ही किसी प्रकार की अनहोनी या बीमारी होने की स्थिति में उनको कर्ज के बोझ से भी बचाएगा। कहा कि विभाग उनके हितों और उनके स्वास्थ्य को मद्देनजर रखते हुए उनके भावी जीवन को सुरक्षित रखने के लिए भी कृतसंकल्पित है।

Input: Live Hindustan

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