इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने प्रधानमंत्री (Prime Minister) से इस मुद्दे पर ध्यान देने की गुजारिश करते हुए बताया कि शनिवार को कहा कि देश में अब तक कुल 196 डॉक्टरों की मौत COVID-19 के चलते हो चुकी है. और इनमें से अधिकांश सामान्य चिकित्सक (general practitioners) रहे हैं. आईएमए ने कोविड-19 संकट (COVID-19 crisis) के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान गंवाने वाले डॉक्टरों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “आईएमए (IMA) की ओर से इकट्ठा किए गए नये आंकड़ों के अनुसार, हमारे देश ने 196 डॉक्टरों को खो दिया है, जिनमें से 170 की उम्र 50 वर्ष से अधिक थी.”
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जबकि हर दिन संक्रमित हो रहे और अपनी जान गंवा रहे डॉक्टरों की संख्या बढ़ती जा रही है, हालांकि इनमें पर्याप्त संख्या में सामान्य चिकित्सक (general practitioners) शामिल हैं. डॉक्टरों की संस्था ने कहा, चूंकि ज्यादातर जनता बुखार (fever) और इससे संबंधित लक्षणों (symptoms) के होने पर सामान्य चिकित्सकों से परामर्श (consult) करती है, ऐसे में वे संपर्क और देखभाल का पहला बिंदु होते हैं.
‘डॉक्टरों को मिले सरकारी चिकित्सा और जीवन बीमा सुविधाएं’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में, आईएमए ने उनसे डॉक्टरों और उनके परिवारों के लिए पर्याप्त देखभाल सुनिश्चित करने का अनुरोध किया, जो एक अधिकतम जोखिम समूह हैं और सभी क्षेत्रों में डॉक्टरों को सरकारी चिकित्सा और जीवन बीमा सुविधाएं देने की बात कही गई है.
‘कोविड-19 से हो रही डॉक्टरों की मौत की दर खतरनाक स्तर पर पहुंची’
इसमें यह भी कहा गया, “आईएमए देश भर में फैले उन 3.5 लाख डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करता है, जो आस-पड़ोस में सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करते हैं. यह उल्लेख करना उचित है कि COVID-19 सरकारी और निजी क्षेत्र के बीच अंतर नहीं करता है और सभी को प्रभावित करता है.”
डॉक्टरों के बीच बढ़ते कोविड-19 के संक्रमण और उनकी मौतों को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ आरवी अशोकन ने कहा कि COVID-19 के कारण डॉक्टरों के बीच मृत्यु दर अब “खतरनाक स्तर” पर पहुंच गई है.
Input : News18