ज्योतिष में दो ग्रह प्रकाशमान माने जाते हैं, सूर्य और चन्द्रमा. सूर्य और चन्द्रमा के साथ ही ग्रहण योग का संयोग बनता है. सूर्य या चन्द्रमा के साथ राहु का सम्बन्ध ग्रहण बनाता है.

सूर्य के ग्रहण योग का प्रभाव अलग होता है और चन्द्रमा के ग्रहण योग का प्रभाव बिलकुल अलग होता है. ग्रहण योग होने से जीवन की शुभता पर ग्रहण लग जाता है.

सूर्य का ग्रहण योग

– सूर्य और राहु का संयोग ग्रहण योग बनाता है.

– सूर्य ग्रहण योग व्यक्ति के नाम और यश पर सीधा असर डालता है.

– सूर्य ग्रहण होने पर व्यक्ति के जीवन में काफी बाधाएं आती हैं.

– इसके अलावा व्यक्ति को अपयश का सामना भी करना पड़ता है.

– यह योग शिक्षा और संतान उत्पत्ति में भी समस्याएं पैदा करता है.

सूर्य का ग्रहण योग होने पर क्या करें ?

– नित्य प्रातः सूर्य को जल अर्पित करें.

– प्रातः ही “ॐ आदित्याय नमः” का जप करें.

– लाल चन्दन का तिलक लगाएं.

– संभव हो तो लाल चन्दन की माला या एक मुखी रुद्राक्ष धारण करें.

– नियमित रूप से गुड़ का सेवन करें.

– पिता के साथ सम्बन्ध मधुर रखने का प्रयास करें.

चन्द्र का ग्रहण योग

– चन्द्रमा और राहु के सम्बन्ध से ग्रहण योग बनता है.

– इससे व्यक्ति को काल्पनिक और मानसिक समस्याएं हो जाती हैं.

– व्यक्ति को बीमारियों का वहम होने लगता है.

– कभी कभी बुरे सपने आते हैं, नींद में समस्या होने लगती है.

– वैवाहिक जीवन में शक और वहम पैदा हो जाता है.

चन्द्रमा का ग्रहण योग होने पर क्या करें ?

– नियमित रूप से शिव जी की उपासना करें.

– सोमवार को शिव जी को जल अर्पित करें, इस दिन खीर जरूर खाएं.

– पूर्णिमा का, जल ग्रहण करके, उपवास रखें.

– सफेद चन्दन का टुकड़ा नीले धागे में बांधकर गले में धारण करें.

– सलाह लेकर एक पन्ना धारण करें.

 

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