हम सभी ने अपने घरों में देखा होगा कि बच्चे के जन्म के कुछ महीनों या कुछ सालों बाद उसका मुंडन कराया जाता है. ये प्रथा लंबे समय से चलती आ रही है. दरअसल मुंडन संस्कार हिंदू धर्म में बताए गए सोलह संस्कारों में से एक माना जाता है. मान्यता है कि मुंडन कराने से बच्चा जन्म के साथ मिली अशुद्धियों से मुक्त हो जाता है, साथ ही उसका दिमाग भी काफी तेज काम करता है. यहां जानिए मुंडन कराने की वजह और इसके फायदों के बारे में.
1. माना जाता है कि जब बच्चा मां के गर्भ में होता है तो उसके सिर और बालों में बहुत सारे हानिकारक बैक्टीरिया प्रवेश कर जाते हैं जो आसानी से बाहर नहीं निकलते. चूंकि जन्म के समय बच्चे का सिर कच्चा होता है, इसलिए उस समय उसके बालों को नहीं हटवाया जा सकता. करीब एक साल की उम्र के आसपास उसका सिर पक्का हो पाता है. इसीलिए एक साल की उम्र या इसके बाद बच्चे का मुंडन कराकर उसकी अशुद्धियों को दूर किया जाता है.
2. ऐसा भी माना जाता है कि मुंडन कराने से बच्चे के सिर का तापमान नियंत्रित रहता है. उसे सीधे तौर पर विटामिन डी मिल पाता है. ऐसे में उसका मस्तिष्क काफी तेजी से काम करता है. मस्तिष्क का विकास भी अच्छी तरह से हो पाता है. यही वजह है कि प्राचीन काल में बच्चों को जब गुरुकुल में शिक्षित होने के लिए भेजा जाता था तो उनके बालों को हटवा दिया जाता था.
3. अगर आप अपने घर के किसी सदस्य से पूछेंगे कि मुंडन क्यों करवाया जाता है, तो ज्यादातर जवाब मिलेगा इसके बाद बाल अच्छी तरह आते हैं. ये काफी हद तक सही भी है क्योंकि बच्चे को जन्म के साथ जो बाल मिलते हैं वो काफी कमजोर और हल्के होते हैं. मुंडन के बाद बालों की ग्रोथ बेहतर होती है और मजबूत बाल निकलते हैं. यही वजह है कि कुछ लोग बच्चों के बालों की ग्रोथ को बेहतर करने के लिए उसका कई बार मुंडन करवाते हैं.
4. मुंडन करवाने से बच्चे को सिर में खुजली, फोड़े और फुंसी से भी बचाव होता है. तमाम जगहों पर मुंडन के दौरान सिर के बीचोंबीच शिखा पर एक चोटी छोड़ी जाती है, दरअसल ये वो स्थान होता है जो मन मस्तिष्क को नियंत्रित करने का काम करता है.
Source : TV9