नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Corornavirus) के संक्रमण से बचने के लिए देश भर में इन दिनों 3 मई तक लॉकडाउन लागू है. अप्रैल का महीना खत्म हो चुका है, ऐसे में अब लॉकडाउन को खत्म होने में सिर्फ 3 दिन और बचे हैं. इसके बाद किस तरह की छूट मिलती है इसको लेकर गृहमंत्रालय की तरफ जल्द ही गाइडलाइन जारी किए जाएंगे. लेकिन सवाल उठता है कि क्या भारत को लॉकडाउन का फायदा मिला है?
लॉकडाउन का दिख रहा है असर
चेन्नई में मैथमेटिकल साइंस के डेटा साइंटिस्ट सिताभ्र सिन्हा ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि लॉकडाउन का देश को काफी फायदा मिला है. कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार में काफी ज्यादा कमी आई है. बता दें कि सिन्हा कम्प्यूटर मॉडलिंग के जरिए कोरोना के मरीजों का आंकलन कर रहे हैं. गुरुवार तक भारत में कोरोना के मरीजों की संख्या 33 हज़ार को पार कर गई. अब तक एक हज़ार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 8 हज़ार से ज्यादा लोग ठीक हो कर घर लौट चुके हैं.
रफ्तार में आई है जबरदस्त कमी
देश भर में कोरोना मरीजों की संख्या अब हर 15 दिनों में दोगुनी हो रही है. लॉकडाउन से पहले ये सिर्फ 3.4 दिनों में दोगुने हो रहे थे. जबकि 27 अप्रैल तक ये रफ्तार 10.77 दिनों की थी. कोरोना संक्रमण की रफ्तार सबसे ज्यादा दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और ओडिशा में है. यहां 11-15 दिनों में मरीजों की रफ्तार दोगुनी हो रही है. जबकि तेलंगाना में मरीजों के डबल होने की रफ्तार सबसे कम 58 दिन है. इसके बाद केरल(37.5 दिन), उत्तराखंड (30.3 दिन) और हरियाणा (24.4 दिन) की बारी आती है.
इन दो राज्यों में सबसे ज्यादा नुकसान
महाराष्ट्र और गुजरात के हालात सबसे ज्यादा खराब हैं. इन दो राज्यों में मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है. महाराष्ट्र में ताजा आंकड़ों के मुताबिक मरीजों की संख्या 10 हजार को पार कर गई है. जबकि 4082 मरीज गुजरात में हैं. देश के इन दो राज्यों सें मरने वाले मरीजों की संख्या 60 फीसदी से ज्यादा है. 432 लोगों की मौत अब तक महाराष्ट्र में हुई है. जबकि गुजरात में मौत का आंकड़ा 197 है.
बंगाल में भी हालात चिंताजनक
पश्चिम बंगाल को लेकर भी चिंता बनी हुई है. पहले यहां मरीजों की संख्या को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे थे. गुरुवार को यहां से 758 नए केस आए. 23- 27 अप्रैल के बीच यहां कोरोना के मरीजों की संख्या 7.13 दिनों में दोगुनी हो रही थी.