हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य को करने के लिए शुभ मुहूर्त देखा जाता है, ताकि वह काम सफलतापूर्वक पूर्ण हो और उसका पूरा लाभ व्यक्ति को प्राप्त हो। हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार जब भी सूर्य गुरु की राशि धनु या मीन राशि में प्रवेश करता है, उस अवधि को खरमास कहा जाता है। रामदयालु स्थित मां मनोकामना देवी मंदिर के पुजारी पंडित रमेश मिश्र व ज्योतिष विमल कुमार लाभ बताते हैं कि शास्त्रों के मुताबिक, खरमास के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य करने की मनाही है।

इस बार 13 दिसंबर, शुक्रवार को सूर्योदय के साथ ही खरमास शुरू हो जाएगा। इस दौरान सूर्य पूरे एक माह 14 जनवरी 2020 तक धनु राशि में रहेगा। इस अवधि में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे- विवाह, नए घर में गृह प्रवेश, नए वाहन की खरीद, संपत्तियों का क्रय-विक्रय, मुंडन संस्कार आदि नहीं होंगे। 14 जनवरी को जब सूर्य, मकर राशि में प्रवेश करेगा उसी के साथ खरमास समाप्त हो जाएगा।

हरिसभा चौक स्थित राधाकृष्ण मंदिर के पुजारी पंडित रवि झा बताते हैं कि जब सूर्य गुरु की राशि धनु एवं मीन राशि में प्रवेश करता है तो इससे गुरु का प्रभाव समाप्त हो जाता है। किसी भी मांगलिक कार्य को करने के लिए गुरु का पूर्ण अवस्था में होना आवश्यक है। कहा जाता है कि इस दौरान सूर्य मलिन अवस्था में रहता है, इसलिए इस एक माह की अवधि में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य नहीं किए जाते। खासकर इस समय विवाह संस्कार तो बिलकुल ही नहीं किए जाते हैं। क्योंकि विवाह के लिए सूर्य और गुरु दोनों को मजबूत होना चाहिए। हालांकि जो शुभ कार्य चल रहेहों, उन्हें जारी रखने में खरमास का कोई बंधन या दबाव नहीं है।

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