व्यापारियों के नहीं आने से पिछले साल उत्पादित लीची जूस अभी तक गोदामों में पड़ा है। जिले के गोदामों में 10 मीट्रिक टन लीची जूस अबतक डंप है। देश के सबसे बड़े लीची जूस उत्पादक यूनिक फूड्स के प्रोपराइटर आरके केडिया ने इसकी सूचना डीएम डॉ. चंदशेखर सिंह काे दी है। उन्होंने लीची किसान और व्यापारियों की समस्याओं काे जानने के लिए डीएम द्वारा बुलाई गई बैठक में यह जानकारी दी। लीचीका इंटरनेशनल के प्रोपराइटर केएन ठाकुर ने बताया कि जिले में आठ  कंपनियों ने 20 हजार एमटी लीची का जूस तैयार किया था। लेकिन, मांग कम हाेने से आधे से अधिक लीची जूस अबतक गोदामों में पड़ा है। हालांकि, डीएम ने किसान और  व्यवसायियों काे सभी प्रकार की समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया है। लीची उत्पादक किसान भोलानाथ झा ने बताया कि इस वर्ष लॉकडाउन के कारण पहले ही बाहर से लीची व्यापारी नहीं आए हैं।

  • जिले में 10 हजार हेक्टेयर में लीची की हाेती है खेती
  • इस वर्ष रिकॉर्ड एक लाख मीट्रिक टन लीची उत्पादन का है अनुमान
  • कुल उत्पादन की तीस फीसदी फ्रेश लीची की स्थानीय स्तर पर ही की जाती है बिक्री
  • 20 मई से 15 जून तक लीची का माना जाता है व्यापार के लिए पीक सीजन
  • पीक सीजन में प्रत्येक दिन 150 ट्रक तक महानगरों में भेजी जाती है लीची।

Input : Dainik Bhaskar

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