सारण. सांप (Snake) का नाम सुनते या देखते ही हमारे-आपके रोंगटे खड़े हो जाते हैं. लेकिन हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे स्नेक लवर की कहानी जो महज तीन साल की है. बिहार के छपरा (Chapra) की रहने वाली तीन साल की बच्ची की सांपों से दोस्ती है, वो भी पक्की दोस्ती. ये बच्ची सांपों के साथ अपने दोस्त की तरह खेलती है. नगरा थाना क्षेत्र के दामोदरपुर गांव के रहने वाले संतोष कुमार की बेटी प्रियंका सांपों को इस तरह पकड़ लेती है जैसे कोई बच्चा खिलौने से खेल रहा हो.
पिता भी करते हैं सांप पकड़ने का काम
प्रियंका जहरीले कोबरा को जब अपने हाथ से पकड़ती है तो लोग डर जाते हैं लेकिन सांप इस बच्ची को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता. प्रियंका के पिता संतोष भी सांप को पकड़ने का काम करते हैं लेकिन प्रियंका के अंदर सांपों का डर नहीं होना खुद में अलग कहानी कह रही है. प्रियंका के पिता संतोष उर्फ महाकाल को भी सांपों से लगाव है. किसी के घर में सांप निकल जाए तो लोग संतोष को ही याद करते हैं और संतोष वहां से सांप को पकड़कर सुरक्षित जगह पर छोड़ देते हैं. इतना ही नहीं अगर कोई बीमार सांप मिल जाए तो संतोष उसे अपने साथ रख कर उपचार भी कराते हैं.
महाकाल के नाम से जाना जाता है परिवार
मढ़ौरा प्रखंड के रामपुर पंचायत के दामोदरपुर गांव के संतोष प्रसाद को सांपों से गहरा लगाव दिखता है. आसपास के गांव में कहीं भी विषैला सांप निकलता है तो उसे मारने की बजाय लोग महाकाल को फोन करते हैं. खबर मिलते ही महाकाल उस जगह पहुंचकर सांप को प्रणाम कर उसे पकड़ लेते हैं. वो पकड़े हुए सांपों से बड़ी हमदर्दी और सम्मानजनक तरीके से पेश आते हैं. पहले वो सांप को नहलाते हैं, फिर घर लाकर उसे बच्चों की तरह दूध पिलाते हैं. ये ही नहीं वो सांप को अपने घर में रहने की भी जगह देते हैं.
सांप को ऐसे मिलता है ट्रीटमेंट
एक-दो दिन तक वो सांप उसके घर में रहते हैं, फिर कहीं चले जाते हैं. सांप को संतोष की बात मानते हुए देख कर लोग हैरान होते हैं. सांप कुर्सी पर जाकर शांति से बैठने, साथ चलने, दूध पीने से लेकर संतोष की हर बात मान लेते हैं. संतोष के अनुसार वो सांपों में महाकाल का दर्शन करता है.
Input : News18