कोरोना वायरस के प्रकोप से इंदौर में लागू कर्फ्यू के बीच सोमवार को एक अंत्येष्टि के दौरान गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल देखने को मिली। चश्मदीदों ने बताया कि शहर के साउथ तोड़ा क्षेत्र में 65 वर्षीय हिंदू महिला की मौत के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अंतिम संस्कार की तैयारियों में उसके शोकसंतप्त परिवार की मदद की। इसके साथ ही, महिला की अर्थी को कंधा भी दिया।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें मुस्लिम समुदाय के युवा इस महिला की अर्थी को कंधा देते नजर आ रहे हैं। ये लोग मुस्लिम टोपी के साथ कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिये मास्क भी पहने नजर आ रहे हैं।
ये आम जनाज़ा नहीं है,
अर्थी पर #दुर्गा (#भूरी_काकी) हैं
कोरोना के डर से परिवार तक नहीं आया,
अंतिम संस्कार करने ले जा रहे सारे युवक #मुस्लिम है।
घटना उसी #इंदौर की है जहॉं के एक वीडियो ने आपके मन में एक पूरे समाज के लिये नफ़रत भर दी थी।
क्रेडिट- इमरान pic.twitter.com/aBoBKZ6OMu— Puneet Kumar Singh (@puneetsinghlive) April 6, 2020
क्षेत्रीय रहवासियों ने बताया कि दिवंगत महिला लम्बे समय से लकवे की मरीज थी। हिंदू रीति-रिवाज के मुताबिक उसकी पार्थिव देह को उसके बेटे ने जूनी इंदौर मुक्तिधाम में मुखाग्नि दी।
हाल ही में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हिन्दू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल देखने को मिली थी। यहां एक हिन्दू परिवार में वृद्ध का निधन हो गया था। लॉकडाउन के चलते अर्थी को कंधा देने के लिए उनके परिवार का कोई नहीं था। जैसे ही यह बात आसपास क मुस्लिमों को पता चली वे पहुंच गए। उन लोगों ने अर्थी को ना केवल कंधा दिया बल्कि श्मशान घाट ले जाकर अंतिम संस्कार भी कराया।
Input : Live Hindustan