मुजफ्फरपुर में बागमती, गंडक और बूढ़ी गंडक में भी जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। साेमवार काे बागमती कटौझा में खतरे के निशान से 1.59 मीटर और बेनीबाद में 1.13 मीटर ऊपर बह रही थी। इससे औराई, कटरा और गायघाट प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई। इन प्रखंडों की 50 हजार से अधिक की आबादी बाढ़ के पानी से घिर गई है। औराई-कटरा-बेनीबाद मार्ग पर वाहनों का अाना-जान पूरी तरह बंद हाे गया। कटरा की 14 पंचायतों का संपर्क टूट गया है। कटरा पावर सबस्टेशन में बागमती का पानी कमर तक बह रहा है। इसे बिजली आपूर्ति ठप है।
साहेबगंज में गंडक खतरे के निशान से 13 सेंटीमीटर ऊपर बहने से तीन पंचायतों के 10,000 से अधिक लाेग बाढ़ में फंस गए। बंगरा निजामत पंचायत के 1000 से अधिक घरों में पानी घुस गया है। वैसे साेमवार देर शाम कटौझा में बागमती घटने लगी थी। लेकिन, बेनीबाद में तेजी से खतरे के निशान से और ऊपर ही बढ़ रही थी। बागमती का पानी नए गांवों-इलाकों में घुसने से लाेग दहशत में है।
बागमती बांध और अन्य ऊंचे स्थानों पर पलायन कर रहे हैं। बूढ़ी गंडक के जलस्तर में सिकंदरपुर में 62 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई। इससे बांध के बीच बसे झीलनगर, कर्पूरी नगर, कुंडल, लकड़ीढाई और जीरोमाइल चौक के आसपास 500 से अधिक घर बाढ़ प्रभावित हो गए। अहियापुर थाना समेत 200 से अधिक घरों में पानी घुस गया। बांध के भीतर शहर के निचले इलाके के घरों में पानी घुसने से लोग अपनी छतों और अन्य जगहों पर शरण ले रहे हैं।
बूढ़ी गंडक का जलस्तर तेजी से बढ़ने के बाद देर शाम सिकंदरपुर स्लुइस गेट से शहर की ओर तेजी से पानी का रिसाव होने लगा। सुधा डेयरी और सिकंदरपुर काे जाेड़ने वाली मुख्य सड़क पर पानी का तेज बहाव हाेने लगा। लेकिन, जल संसाधन विभाग की टीम ने मिट्टी भरे बोरे से स्लुइस गेट को जाम कर पानी का प्रवाह रोका। रात में भी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से इलाके के लाेग दहशत में हैं।
Source : Dainik Bhaskar