मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि पर्यावरण में जो परिवर्तन होता है, उसके कारण कई बीमारियां होती हैं। बीमारी पर रोक के लिए अध्ययन व अनुसंधान कर रहे हैं। मुजफ्फरपुर के जिन पांच प्रखंडों में बीमारी का ज्यादा प्रकोप था, वहां सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कराया। इस दौरान हमारी जो चिंता थी वह सामने आई। गरीबी और अशिक्षा के कारण, जागरूकता की कमी के बीच यह बीमारी ज्यादा फैली। हम इस पर काम कर रहे हैं।

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मुख्यमंत्री मंगलवार को मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में चिकित्सा सेवाओं के विस्तार के लिए 105 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। कहा, सर्वेक्षण रिपोर्ट आने के बाद मेरी जो चिंता थी वह स्पष्ट हुई। पता चला गरीबी व जागृति की कमी के कारण मुजफ्फरपुर में एईएस का प्रकोप फैला। प्रभावित प्रखंडों की महिलाएं जीविका से नहीं जुड़ी हैं। बहुत से परिवार ऐसे थे, जिनके पास राशन कार्ड नहीं था। बताइए भूखे पेट बच्चे..! हमने इस पर काम शुरू कराया है। इन इलाकों में आंगनबाड़ी केंद्र होना चाहिए। गरीब परिवारों को रहने के लिए घर होना चाहिए। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिन्हें मकान नहीं है, उन्हें मकान देंगे। जिनके पास जमीन नहीं है उन्हें जमीन खरीदने के लिए रुपये देंगे। जिनका किन्हीं कारणवश नाम छूटा, उनका घर मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत बनाएंगे। मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है। काम प्रारंभ है। बुनियादी काम हुए हैं। इसे तीन महीने में पूरा कर लेंगे। सीएम ने सभा में लोगों को जून की याद दिलाते हुए कहा, उस वक्त यहां एईएस का प्रकोप था। तब मैं मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज में पहली बार आया था। उस वक्त मात्र 14 बेड का पीआइसीयू था। मैंने तत्काल स्वास्थ्य सचिव को बेड की संख्या बढ़ाने को कहा। फिर अस्पताल के कैदी वार्ड को खाली कराकर बीमार बच्चों के बेड की संख्या बढ़ाकर 64 की गई। आज से 100 बेड के पिकू वार्ड के निर्माण का काम शुरू हो गया। अप्रैल 2020 तक काम पूरा हो जाएगा। हमें ज्यादा से ज्यादा जागरूकता पर काम करना होगा। अगले साल बच्चों के इलाज के लिए तमाम संसाधनों से लैस वार्ड काम करने लगेगा। सीएम ने बातों-बातों में विरोधियों पर भी चुटकी ली। बाहर कौन क्या कहता है बिना तथ्य के। इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। जब कोई बीमार हो जाता है और हमारे चिकित्साकर्मी बेहतर काम करते हैं तो उनकी प्रशंसा होनी चाहिए। समारोह में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, नगर विकास व आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा, कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार, उद्योग व जिले के प्रभारी मंत्री श्याम रजक, सांसद अजय निषाद, वीणा देवी, पूर्व मंत्री व विधान पार्षद देवेशचंद्र ठाकुर, विधायक अशोक कुमार सिंह, बेबी कुमारी, केदार गुप्ता, जिला परिषद अध्यक्ष इंद्रा देवी, मेयर सुरेश कुमार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, सीएम के सचिव मनीष कुमार वर्मा, एसकेएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विकास कुमार व अधीक्षक डॉ. सुनील कुमार शाही समेत सभी संबंधित अधिकारी व बड़ी संख्या में एनडीए के नेता व आम लोग मौजूद थे।

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मुख्यमंत्री की घोषणाएं

  • 2500 सौ बेड का होगा मुजफ्फरपुर का मेडिकल कॉलेज अस्पताल
  • अप्रैल 2020 तक बनकर तैयार हो जाएगी 100 बेड वाली शिशु गहन चिकित्सा इकाई
  • 1500 बेड पर तत्काल शुरू होगा काम, दो फेज में 750-750 बेड का होगा निर्माण
  • एईएस प्रभावित पांच प्रखंडों में सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर चल रहा काम, मुख्य सचिव से मांगी है रिपोर्ट

एईएस से बच्चों को बचाने में चिकित्सकों ने किया बेहतर काम : सुशील मोदी

जासं, मुजफ्फरपुर : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मुजफ्फरपुर में चमकी (एईएस) से पीड़ित बच्चों को बचाने में एसकेएमसीएच के चिकित्सकों ने बेहतर काम किया। अबतक इस बीमारी का कारण पता नहीं चल पाया। इसका कारण कुपोषण, गर्मी, ह्यूमिडिटी नहीं है। पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इसके कारणों की जांच में लगे हैं। यहां के डॉक्टर धन्यवाद के पात्र हैं। 18 से 20 घंटे काम किया और बच्चों की प्राण रक्षा में लगे रहे। यहां नया पिकू अस्पताल बनकर शीघ्र तैयार हो जाएगा। सूबे में शिशु व मातृ मृत्यु दर में कमी आई है। सुशील मोदी मंगलवार को स्थानीय एसकेएमसीएच में 105 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं के शिलान्यास व उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।

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  • काम करने लगा 100 बेड का मातृ-शिशु अस्पताल
  • 136 बेड के छात्रवास और 40 यूनिट ट्यूटर आवास का भी हुआ उद्घाटन
  • एसकेएमसीएच में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।
  • उप मुख्यमंत्री ने कहा-स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार हो रहा सुधार

Input : Dainik Jagran

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