मुजफ्फरपुर : वैसे तो आमतौर पर मकर संक्रांति 14 तारीख को मनाई जाती रही है। लेकिन, इस बार फिर यह त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा। उस दिन सुबह करीब पौने सात बजे से पौने नौ बजे तक मकर संक्रांति का महापुण्य काल रहेगा। पंडितों के मुताबिक, इस दिन स्नान-दान का खास महत्व बताया गया है। रामदयालु स्थित मां मनोकामना देवी मंदिर के पुजारी पंडित रमेश मिश्र और उमेश नगर, जीरोमाइल के नीरज बाबू बताते हैं कि इस बार संक्रांति गुलाबी वस्त्र धारण कर गर्दभ पर सवार होकर आ रही है। इसका नाम महोदर होगा। यह मिठाई खाती हुई दक्षिण से पश्चिम दिशा की ओर जाएगी। संक्रांति का उपवाहन मेष होगा। मालूम हो कि पिछली बार संक्रांति का वाहन सिंह और उपवाहन गज (हाथी) था।

शुरू होंगे रुके सभी शुभ कार्य: हरिसभा चौक स्थित राधाकृष्ण मंदिर के पुजारी पंडित रवि झा बताते हैं कि जब भी सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तब संक्रांति मनाई जाती है। साल की बारह संक्रांतियों में मकर संक्रांति का विशेष महत्व माना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक, इस दिन से सूर्य देव उत्तरायण हो जाते हैं। सूर्य के उत्तरायण होते ही दिन बड़ा और रात छोटी होनी शुरू हो जाती हैं। इस दिन खरमास खत्म होते ही शादी ब्याह व गृह प्रवेश जैसे सभी शुभ कार्य फिर शुरू हो जाएंगे।

  • जनवरी की रात होगा सूर्य का मकर राशि में प्रवेश, मकर संक्रांति त्योहार 15 जनवरी को

 

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