पटना. अमेरिका के मशहूर हार्वर्ड विश्वविद्यालय में एक भारतीय छात्र का डंका बजा है. स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रैजुएशन) के छात्र शरद सागर को हार्वर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन में छात्रसंघ के अगले अध्यक्ष के रूप में चुना गया है. हार्वर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन में पढ़ रहे 50 देशों के 1,200 से अधिक छात्रों ने बिहार निवासी शरद सागर को छात्रसंघ के सर्वोच्च पद यानी अध्यक्ष के लिए चयनित किया है. शरद सागर के अलावा आठ अन्य उम्मीदवारों ने अध्यक्ष के पद के लिए चुनाव लड़ा था जिन्हें हराकर उन्होंने यह ऐतिहासिक जीत हासिल की है.
हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने 21 सितंबर को चुनाव परिणामों की आधिकारिक घोषणा की थी. हार्वर्ड के छात्रों के लिए मतदान 14 सितंबर को शुरू हुई जो 19 सितंबर को समाप्त हुई. अध्यक्ष के रूप में शरद सागर छात्रसंघ का नेतृत्व करेंगे, जिसमें एक उपाध्यक्ष, एक प्रशासक और अन्य निर्वाचित सेनेटर शामिल होंगे. सागर हार्वर्ड में 50 से ज्यादा देशों के 1,200 से अधिक स्नातक छात्रों का छात्रसंघ के अध्यक्ष के रूप में प्रतिनिधित्व करेंगे. वो मई 2022 यानी हार्वर्ड में अपने दीक्षांत समारोह तक इस पद पर बने रहेंगे. शरद सागर ने हार्वर्ड में उच्चतम स्कॉलरशिप प्राप्त किया है और वो प्रतिष्ठित के.सी महिंद्रा स्कॉलर भी हैं.
शरद सागर कैसे बने भारतीय युवा आइकॉन
शरद सागर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित सामाजिक उद्यमी और भारतीय यूथ आइकॉन हैं, जिनके शिक्षा और नेतृत्व के क्षेत्र में कार्य को वैश्विक स्तर पर सराहा गया है. बिहार के छोटे गाव एवं शहरों में पले-बढ़े शरद सागर 12 वर्ष की आयु में पहली बार स्कूल गए. 16 वर्ष की आयु में उन्होंने राष्ट्रीय संगठन डेक्सटेरिटी ग्लोबल की स्थापना की, और 24 वर्ष की आयु में फोर्ब्स ने उन्हें 30 वर्ष तक की आयु के 30 सबसे प्रभावशाली उद्यमियों की सूची में शामिल किया. वर्ष 2016 में शरद सागर राष्ट्रीय और वैश्विक तब सुर्खियों में आए थे, जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें एकमात्र भारतीय के रूप में व्हाइट हाउस में होने वाले एक विशेष सभा के लिए आमंत्रित किया था. उसी वर्ष नोबेल शांति केंद्र ने सागर को नॉर्वे में होने वाले नोबेल शांति पुरस्कार समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया. शरद सागर अमिताभ बच्चन द्वारा होस्ट प्रसिद्ध टेलीविजन गेम शो कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) के विशेषज्ञ भी हैं.
क्या कहते है शरद सागर
हार्वर्ड में छात्र संघ का अध्यक्ष चुने जाने पर शरद सागर ने कहा, ‘1200+ छात्र, 50+ देशों से आते हैं, जिसमे 9 असाधारण उम्मीदवार थे और आज मैं हार्वर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन में छात्र संघ के अगले अध्यक्ष चुने जाने पर बहुत ही आभारी हूं. मुझे पता है कि मैं हार्वर्ड से बहुत दूर पैदा हुआ था और मैं एक असंभव उम्मीदवार था, लेकिन हार्वर्ड के छात्रों द्वारा यह जिम्मेदारी दिए जाने के लिए वास्तव में आभारी हूं. भारत के छोटे शहरों और गांवों में पला-बढ़ा, मैं पहली बार 12 साल की उम्र में स्कूल गया था. तब हार्वर्ड एक दूर के असंभव सपने जैसा लगता था, लेकिन ‘होम-स्कूल से हार्वर्ड’ तक का यह सफर अविश्वसनीय है. अध्यक्ष के रूप में मैं हार्वर्ड में एक ऐसे नेतृत्व की नींव रखना चाहता हूं जो आने वाले दिनों में हार्वर्ड के छात्रों के जीवन में वास्तविक बदलाव ला पाए.
शरद सागर की पृष्ठभूमि और उपलब्धियां
एक शानदार हाई स्कूल करियर के बाद उन्होंने 200 से अधिक स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रश्नोत्तरी और वाद-विवाद प्रतियोगिताएं जीतीं और छह से अधिक विभिन्न देशों में अंतर-सरकारी और संयुक्त राष्ट्र प्लेटफार्मों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया. सागर को अपनी स्नातक की डिग्री हासिल करने के लिए अमेरिका के टफ्ट्स यूनिवर्सिटी से 4 करोड़ रुपये की पूरी छात्रवृत्ति मिली, जहां उन्होंने प्रमुख विश्वविद्यालय रिकॉर्ड तोड़े. मई 2016 में सागर विश्वविद्यालय के इतिहास में दीक्षांत समारोह में भाषण देने वाले पहले भारतीय थे. स्नातक होने के कुछ महीनों के भीतर ही सागर विश्वविद्यालय के 160 वर्षों के इतिहास में ‘एलुमनाई अचीवमेंट अवार्ड’ प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन गए. 2017-18 में सागर को इंग्लैंड की महारानी एलिज़ाबेथ के “क्वींस यंग लीडर्स” की सूची में शामिल किया गया.
क्या करता है शरद सागर का संगठन
भारत के हर जिले में स्थानीय नेतृत्व एवं प्रेरणास्रोत के निर्माण को समर्पित शरद सागर की संगठन डेक्सटेरिटी ग्लोबल 65 लाख किशोरों एवं युवाओं को शैक्षणिक अवसरों से जोड़ती है एवं प्रशिक्षित करती है. संगठन के बच्चों ने दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों से 72 करोड़ से भी अधिक की छात्रवृत्ति प्राप्त की है.
संगठनात्मक नेतृत्व के अतिरिक्त शरद सागर को अंग्रेजी एवं हिंदी के फायरब्रांड वक्ता के रूप में जाना जाता है. एक औसत वर्ष में शरद सागर 20 से अधिक राज्यों में 250 से अधिक प्रमुख सार्वजनिक भाषण दे चुके हैं. नेतृत्व, राष्ट्र निर्माण और प्रबंधन पर अतिथि व्याख्यान देने के लिए उन्हें अक्सर आईआईटी और आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा आमंत्रित किया जाता है. 2017 में एक प्रमुख भारतीय अखबार ने शरद सागर को ’21वीं सदी के विवेकानंद’ की उपाधि दी.
Source : News18
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