ढाई वर्षों के लंबे अंतराल के बाद पटना पुस्तक मेला फिर गांधी मैदान में लौट रहा है. 11 दिवसीय यह मेला 8 से 18 नवंबर तक चलेगा. इसके लिए गांधी मैदान के करीब 100000 स्क्वायर फुट भूभाग पर किताबों की दुनिया सजाई जा रही है. इसमें देश दुनिया के कई बड़े प्रकाशक शामिल होंगे. मेले में दिव्यांगों का प्रवेश बिल्कुल निशुल्क होगा जबकि स्कूली बच्चों को यूनिफॉर्म और परिचय पत्र के साथ इंट्री फ्री मिलेगा.

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आपको बता दें कि कॉलेज के छात्रों के लिए सोमवार से शुक्रवार तक परिचय पत्र के आधार पर निशुल्क प्रवेश दिया जाएगा. सेंटर फॉर लीडरशिप डेवलपमेंट का पटना पुस्तक मेला आखिरी बार फरवरी 2017 में गांधी मैदान में लगाया गया था. हालांकि इसके बाद दिसंबर 2017 में इसका आयोजन ज्ञान भवन में हुआ, मगर इसको गांधी मैदान जैसा रिस्पांस नहीं मिल सका. आंखों में गांधी मैदान की बुकिंग भी संभव नहीं हुई.

ढाई वर्षों के बाद 2019 में फिर गांधी मैदान में इसका आयोजन किया जा रहा है. बता दें कि मुख्य प्रवेश द्वार का नाम राजेश कुमार समिति द्वारा रखा गया है. ज्ञात हो पटना पुस्तक मेला की आधारशिला रखने वाले चार संस्थापकों में एक सशक्त स्तंभ राजेश कुमार का निधन पिछले वर्ष हो गया. उनकी स्मृति में प्रत्येक वर्ष राजेश कुमार मेमोरियल स्कॉलरशिप दी जाएगी. इसकी राशि आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी छात्र को दी जाएगी.

 

जानकारी मिल रही है कि स्क्वायर शेप में बनने वाले पटना पुस्तक मेले में इस बार 780 स्टॉल लगाए जाएंगे. इनमें राजकमल वाणी किताबघर, पीएम पब्लिकेशंस, उपकार पुस्तक महल, ओसवाल बुक्स, ओसवाल प्रिंटर्स एंड पब्लिकेशन, राजपाल एंड संस समेत कई प्रमुख प्रकाशक शामिल होंगे. शिक्षा विभाग के उच्च शिक्षा निदेशक ने भी सभी कुलपतियों को चिट्ठी लिखकर कहा है कि इस मेले का लाभ उठाएं. उन्होंने बताया है कि दिव्यांग और अशक्त लोगों के लिए मेले में ई- रिक्शा और व्हील चेयर की व्यवस्था होगी.

Input : Live Cities

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