आदरणीय गिरिराज सिंह जी, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य मंत्रालय संभालने की बधाई स्वीकार करिये। अपनी प्रचंड जीत पर तो बहुत खुश होंगे आप? होना भी चाहिए। अच्छी बात है।

opent letter to giriraj singh, vivadit tweet of giriraj

अब बिहार में सबसे बड़ी जीत मिली है तो सबसे बड़ा जश्न भी आपने और आपकी पार्टी ने मनाया। महज दो दिन पहले ही तो आपने मंत्रालय संभाला है। हम सब लालायित थे कि आप अपने प्रशंसकों को सोशल मीडिया पर मंत्रालय की कुछ योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे लेकिन मंगलवार को आपका ऐसा ट्विट दिखाई दिया जिसके लिए आप जाने जाते हैं। आपको केवल नीतीश कुमार नहीं बल्कि रामविलास पासवान और सुशील मोदी जो आपकी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, उनका मुस्लिम धर्मावलंबियों के लिए इफ्तार देना एक दिखावा नजर आता है। काश! ऐसा दिखावा आपको आबूधाबी के सबसे बड़े मस्जिद में घूमते हुए देश के प्रधानमंत्री की तस्वीर पर भी दिखाई देती। लेकिन नहीं दिखाई देगी।

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बहरहाल, अभी अभी छह दिन पहले ही आपने हमारे देश के संविधान की शपथ ली है न। वह क्या कहता है? धर्मनिरपेक्ष, समाजवाद और लोकतंत्रात्मक गणराज्य है न भारत? सभी धर्म यहां समान हैं न? तो फिर आपने यह दिखावा क्यों किया? आखिर क्यों संविधान की शपथ ली? आपने यह क्यों कहा कि देश की एकता और अखंडता को अछुण्ण रखूंगा।

खैर, आपसे एक सामान्य सा प्रश्न है। अपने कट्टर हिंदू की छवि की चाह में देश में कैसा समाज बनाना चाहते हैं आप? क्या ऐसा समाज जिसमें केवल एक धर्म हो? इसके बाद कौन सा समाज बनाने की ओर आपके कदम अग्रसर होंगे? जिसमें केवल एक समुदाय बसे? इसके बाद ऐसा समाज जहां केवल एक जाति बसे? इसके बाद का क्या होगा? कभी जवाब मिले तो दे दीजिएगा। लड़ने वाला तो हर कहीं लड़ता है सरकार। सबसे पहले वह दूसरे धर्म से लड़ेगा फिर दूसरी जाति से लड़ेगा फिर अपनों से, इसके बाद खुद से लड़ेगा और एक दिन खत्म हो जायेगा। देश में आप यही प्रवृति आप बढ़ाना चाहते हैं न? इस सवाल का जवाब मिले तो जरूर बताइएगा…आपका रविशंकर उपाध्याय, पटना

Input : Daily Bihar

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