नई दिल्‍ली. कोरोना वायरस महामारी (Covid 19) के कारण लगे लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से विदेश में फंसे भारतीयों (Indians) को घर वापस लाने की तैयारी भारत सरकार ने कर ली है. भारत सरकार इसके लिए 7 मई से 64 विशेष उड़ानों का संचालन करेगी. नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी (hardeep singh puri) ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी. सरकार की ओर से यह भी साफ किया गया है कि विदेश से भारत लाए जा रहे भारतीयों को हवाई सफर का अपना किराया खुद ही देना होगा.

मंगलवार को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वर्चुअल प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान विदेश में फंसे भारतीयों की सही संख्‍या तो नहीं बताई लेकिन सरकार की ओर से शुरुआती तौर पर आंकी गई यह संख्‍या 2 लाख से अधिक है. उन्‍होंने कहा कि करीब 2 लाख भारतीयों को वापस लाने का अभियान शुरू होगा. अन्‍य विभागों औेर राज्‍यों के शामिल होने पर इनकी संख्‍या बढ़ भी सकती है.

हरदीप सिंह पुरी की ओर से कहा गया है कि विदेश से भारत आने वाले सभी भारतीयों को अपना हवाई किराया खुद देना होगा. उन्‍होंने इन टिकटों के किराये का आकलन भी किया है. उनके अनुसार लंदन से मुंबई या दिल्‍ली आने वाली फ्लाइट का किराया 50000 रुपये हो सकता है. वहीं शिकागो या सैन फ्रांसिस्‍को से आने वाली फ्लाइट का किराया 1 लाख रुपये तक हो सकता है. हालांकि मंत्रालय इसके संबंध में गाइडलाइंस जारी करेगा.

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण विदेश में फंसे भारतीयों की वतन वापसी के लिए सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है. भारत सरकार कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण विदेशों में फंसे 14,800 भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए सात से 13 मई तक 64 उड़ानें संचालित कर सकती है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि इन विशेष उड़ानों का संचालन एअर इंडिया और उसकी सहायक एअर इंडिया एक्सप्रेस करेगी. वे 12 देशों- संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, मलेशिया, फिलीपींस, बांग्लादेश, बहरीन, कुवैत और ओमान से भारतीयों को वतन वापस लेकर आएंगी.

Input : News18

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