देवी आराधना का पर्व वासंतिक नवरात्र इस साल 6 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। यह आठ दिन का होगा। पंडितों की मानें तो इस बार वासंतिक नवरात्र में कई शुभ योग भी बन रहा है। इस नवरात्र में पांच सर्वार्थसिद्धि और दो रवि योग का संयोग बन रहा है। ऐसे शुभ संयोग में देवी उपासना करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी। यह नवरात्र धन और धर्म की वृद्धि के लिए खास है। बाबा गरीबनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी पं.विनय पाठक व हरिसभा चौक स्थित राधाकृष्ण मंदिर के पुजारी पं.रवि झा बताते हैं कि चैत्र शुक्ल पक्ष का बड़ा धार्मिक महत्व है।
इस बार आठ दिन का नवरात्र होने के चलते यह शक्ति उपासना के लिए बेहद शुभ है। यह 6 अप्रैल को रेवती नक्षत्र एवं वैधृति योग में शुरू होकर 14 अप्रैल को दशमी के साथ संपन्न होगी। इस नवरात्र में मां भगवती का आगमन घोड़े पर होगा और विदाई भैंस पर होगी। माता के इस आगमन से श्रद्धालुओं को मनचाहा वरदान और सिद्धि की प्राप्ति होगी। जबकि राजनीति के क्षेत्र में उथल-पुथल की आशंका जताई जा रही है। साथ ही भैंस पर विदाई से रोग-शोक की आशंका बनी रहती है।
महाष्टमी व रामनवमी पड़ेगी एक ही दिन
सदर अस्पताल स्थित मां सिद्धेश्वरी दुर्गा मंदिर के पुजारी पं.देवचंद्र झा व रामदयालु स्थित मां मनोकामना देवी मंदिर के पुजारी पं.रमेश मिश्र बताते हैं कि इस वर्ष चैत्र नवरात्र में अष्टमी तिथि शनिवार 13 अप्रैल को सुबह आठ बजकर 25 मिनट तक ही है। उसके बाद नवमी लग रही है।
अगले दिन रविवार की सुबह सवा छह बजे तक नवमी तिथि है, उसके बाद दशमी तिथि लग जाती है। सोमवार को एकादशी व्रत है। इस कारण महाष्टमी और रामनवमी दोनों व्रत शनिवार को ही किया जाएगा। भक्तगण नवरात्र में माता की कृपा पाने के लिए दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा, बीज मंत्र का जाप, भगवती पुराण आदि का पाठ करेंगे।
कलश पूजा से मिलेगी सुख-समृद्धि का वरदान
ज्योतिषविद् विमल कुमार लाभ ने शास्त्रों का हवाला देते हुए बताया कि चैत्र नवरात्र में कलश स्थापन का महत्व अत्यंत शुभ फलदायक है। कलश में ब्रह्मा, विष्णु, शिव, नवग्रह, सभी नदियों, सागर, सभी द्वीपों, षोडश मातृकाओं और चौसठ योगिनियों सहित सभी तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। विधिपूर्वक कलश पूजन से सभी देवी-देवताओं का पूजन हो जाता है। इसलिए इसकी स्थापना सही और उचित मुहूर्त में ही करनी चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख और समृद्धि आती है और परिवार में खुशियां बनी रहती हैं।
Input : Dainik Jagran