आशा है कि चांद दिखने के बाद 14 अप्रैल से माह ए रमजान का शुभारंभ हो जाएगा। इसके लिए विभिन्न मदरसा और मस्जिदों द्वारा इश्तेहार भी निकाला जा चुका है। कहा गया है क‍ि अगर 13 अप्रैल को चांद दिख जाएगा तो 14 अप्रैल से रमजान का महीना शुरू हो जाएगा। बताया गया है कि इसी माह में पवित्र धर्मग्रंथ कुरआन जमीन पर नाजिल हुआ था। रमजान के बाबत नगर के ईदगाह मोहल्ला के हाफिज मो. जमालुद्दीन ने बताया कि रमजान में पूरे 30 रोजे रखने हैं।

बाजार में रही ग्राहकों की भीड़

यह अल्लाह की इबादत का महीना है। नमाज के साथ ही तरावीह यानी कुरान की तिलावत से शवाब मिलता है। रमजान का मतलब पूरे शरीर को पाक रखना है। ना बुरा कहना है ना ही बुरा सुनना है। किसी को भी तकलीफ नहीं देनी है। गरीबों का पूरा सहयोग करना है। एक रकात नमाज की रमजान के दौरान अल्लाह 70 गुना शवाब देता है। रमजान के बाद चांद देख कर ईद की नमाज पढ़ा जाता है। इस माह में तीन असशे होते हैं। पहले 10 दिन रहमत का होता है। दूसरा असरा बरकत का और तीसरा मगफेरत का होता है।

बताया कि इस माह पल पल इबादत करना है। ऐसे में सभी को रमजान में समय बर्बाद नहीं हो पूर्व में ही खरीदारी कर लेनी है। इसको लेकर शु़क्रवार को ग्राहकों की भारी भीड़ किराना आदि दुकानें में उमड़ी। रमजान की खरीदारी के साथ साथ संक्रमण को बढ़ते देख अन्य लोग भी लगातार खरीदारी करते दिखे। किराना संचालक असगर अली और उन पैलेश के संजय कुमार जायसवाल ने बताया कि रमजान को लेकर लोगों द्वारा रूह अफजा, खजूर, सेवई, चना, चना दाल, बेशन, ड्राई फ्रूट, रिफाइन, सरसों तेल,घी, सूजी, चिउड़ा, चीनी, पापड़ आदि की खरीदारी कर रहे हैं।

बोले रोजेदार

रोजेदार फिरोज आलक, अब्दुल गफ्फार, मौलाना कलीम, हाफिज सलाहुद्दीन आदि ने बताया कि हम सब इस पवित्र माह में पूरे रोजे के साथ नमाज और तराबीह पढ़ते हुए देश को कोरोना से बचाने और देश में अमन शांति कायम करने के साथ खुशहाली के लिए दुआ मांगेंगे।

Input: Dainik Jagran

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